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मंत्री ने जमीन बेचने के लिए किए मृत किसान के जाली दस्तखत

minister5मुंबई। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) को बीजेपी के वरिष्ठ नेता गृह राज्य मंत्री रंजीत पाटिल के खिलाफ शिकायत मिली है। उन पर आरोप है कि अकोला में जमीन बेचने के लिए उन्होंने एक मृत किसान के जाली हस्ताक्षर किए।
52 साल के पाटिल राजनीति में कदम रखने से पहले अकोला में एक ऑर्थोपेडिक सर्जन के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने 2000 में हरिभाऊ मोहिते नाम के किसान से 5 लाख में एक जमीन खरीदी पर जमीन अपने नाम पर ट्रांसफर नहीं करवाई।

13 साल बाद जमीन को बेचने के सिलसिले में उन्होंने जमीन अपने बेटे के नाम पर ट्रांसफर करा ली। जमीन से जुड़े दस्तावेज दिखाते हैं कि पाटिल के बेटे के नाम पर मार्च 2013 में जमीन ट्रांसफर कराई गई है, जिन पर पाटिल और जमीन के मूल विक्रेता यानी मोहिते के हस्ताक्षर किए हैं। शिकायतकर्ता मुंबई के अधिवक्ता प्रशांत निंबालकर ने बताया कि सरकारी दस्तावेजों के आधार पर मोहिते की मृत्यु 12 साल पहले अक्टूबर 2001 में ही हो गई थी।

निंबालकर ने अपनी शिकायत में कहा है कि पाटिल ने अपने बेटे की ओर से जमीन खरीदी क्योंकि जब यह डील फिक्स की गई थी तब उनका बेटा एक साल का था। यह डील मार्च 2000 में फाइनल हुई थी। पाटिल ने 13 साल के इंतजार के बाद जमीन अपने बेटे के नाम पर ट्रांसफर की। फिर 6 महीने के अंदर इसे 36 लाख में बेच दिया। यह बात सूचना के अधिकार से पता चली कि पाटिल ने भूमि राजस्व अधिकारी की उपस्थिति में 2013 में भूमि हस्तांतरण के दस्तावेजों में जमीन के असली मालिक के साथ हस्ताक्षर किए हैं। सवाल यह उठता है कि यह कैसे संभव है जबकि मोहिते अक्टूबर 2011 में ही गुजर चुके हैं।

वरिष्ठ एसीबी ऑफिसर ने कहा कि शिकायत मिल गई है, हालांकि पाटिल ने मामले को राजनीति से प्रेरित बताया है। पाटिल ने बताया कि इसमें जालसाजी का कोई सवाल नहीं है। दस्तावेजों में मूल विक्रेता मोहिते के हस्ताक्षर नहीं हैं, केवल उनके नाम का उल्लेख है। कुछ लोगों को मेरी राजनीतिक सफलता नहीं पच रही इसलिए वे मुझे घेरने की कोशिश कर रहे हैं।