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‘भारत में बढ़ रही असहिष्णुता, लोगों को उकसाया जा रहा’: ISI से जुड़ी संस्था के कार्यक्रम में हामिद अंसारी ने कहा- लोकतन्त्र खतरे में, BJP ने घेरा

देश के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद पर विवादित बयान दिया है। इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल (IAMC) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू राष्ट्रवाद चिंता का विषय है। देश में धार्मिक आधार पर लोगों को बाँटा जा रहा है। लोगों में राष्ट्रीयता को लेकर विवाद पैदा किया जा रहा है। खासकर एक धर्म विशेष के लोगों को उकसाया जा रहा है। देश में असहिष्णुता को हवा दी जा रही है और असुरक्षा का माहौल बनाया जा रहा है। पूर्व उपराष्ट्रपति के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया है।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला का पलटवार

पूर्व उपराष्ट्रपति के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने प्रतिक्रिया दी है। भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने गुरुवार (27 जनवरी 2022) को कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जो व्यक्ति विरोध करते-करते देश विरोध करने में भी संकोच नहीं करते हैं। उन्होंने राजनीति से प्रेरित होकर बयान दिया है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि अंसारी जैसे लोगों को देश में हिंदुओं पर होने वाले हमले नहीं दिखाई देते।

विदेशी मंच पर भारत की छवि धूमिल करते हैं लोग- बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली

वहीं बीजेपी के प्रवक्ता नलिन कोहली ने पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार भारत के सभी लोगों के हित में काम कर रही है। बिना किसी भेदभाव के सभी को फायदा पहुँचाने का काम हो रहा है। इस सरकार का ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं है, जिसमें देखा जाता है कि कौन हिंदू है और कौन मुसलमान है, बौद्ध है, ईसाई है। चाहे वो फिर महिला हो, किसान हो या फिर युवा हों। लेकिन कुछ ऐसे लोग विदेशी मंच पर जाकर हिंदुस्तान को बदनाम करने की कोशिश करते हैं। प्रधानमंत्री विदेश जाकर देश की छवि सुधारते हैं और कुछ लोग भारत की छवि धूमिल करने विदेश जाते हैं।

हामिद अंसारी ने क्या कहा था?

बता दें कि हामिद अंसारी ने 26 जनवरी के मौके पर एक अमेरिकी संस्था के वर्चुअल कार्यक्रम में विवादित बातें कहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है। उन्होंने भारत के लोकतंत्र की आलोचना की और चेतावनी दी कि देश अपने संवैधानिक मूल्‍यों से दूर जा रहा है।

भारत से डिजिटल तरीके से इस चर्चा में भाग लेते हुए पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी ने हिंदू राष्ट्रवाद की बढ़ती प्रवृत्ति पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए आरोप लगाया, ‘‘हाल के वर्षों में हमने उन प्रवृत्तियों और प्रथाओं के उद्भव का अनुभव किया है, जो नागरिक राष्ट्रवाद के सुस्थापित सिद्धांत को लेकर विवाद खड़ा करती हैं और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की एक नई एवं काल्पनिक प्रवृति को बढ़ावा देती हैं। वह नागरिकों को उनके धर्म के आधार पर अलग करना चाहती हैं, असहिष्णुता को हवा देती हैं और अशांति और असुरक्षा को बढ़ावा देती हैं।’’

भारत के ‘बहुलतावादी संविधान का संरक्षण’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में हामिद अंसारी एवं अन्य लोगों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हेट स्पीच, गैर कानूनी गतिविधि निवारक कानून के दुरुपयोग और कश्मीरी कार्यकर्ता खुर्रम परवेज की गिरफ्तारी को लेकर चर्चा की। हालाँकि ऐसे तमाम दावों को भारत सरकार खारिज करती रही है। सरकार की ओर से अपने लोकतांत्रिक रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा गया है कि उसकी संसदीय प्रणाली और कानून पूरी तरह से पारदर्शी हैं। देश में नियमित और पारदर्शी चुनावों को भी भारत सरकार दुनिया के आगे लोकतंत्र की सफलता के तौर पर पेश करती रही है।

हामिद अंसारी के बयान पर VHP ने भी जताई नाराजगी

वीएचपी के प्रवक्ता बिनोद बंसल ने कहा, “हामिद अंसारी जैसे लोग संवैधानिक पदों से उतरते ही सीधे नीचे क्यों गिर जाते हैं? PFI और IAMC जैसे कट्टरपंथी संगठनों में पहुँचते ही इनके अंदर का जिहादी इस्लाम इन पर क्यों हावी हो जाता है? राष्ट्र व राष्ट्रवाद पर छुप-छुप कर वार करने से अच्छा हो ये खुलकर मैदान में आएँ।”

कार्यक्रम की आयोजक संस्था ‘इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल’ (IAMC) है। यह संस्था पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई व भारत में दंगे कराने की साजिश से जुड़ी बताई जाती है। अंसारी ने इस संस्था के मंच से केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा।

संस्था पर त्रिपुरा दंगे में लिप्त होने का आरोप

वॉशिंगटन में हुए इस वर्चुअल कार्यक्रम की आयोजक संस्था पर पाक खुफिया एजेंसी से जुड़े होने का आरोप है। यह कार्यक्रम 17 अमेरिकी संगठनों के एक समूह ने रखा था।आयोजक संस्थाओं में से एक इंडियन-अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल भी है। इसे त्रिपुरा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में हाल ही में राज्य में हुए दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इन 17 संस्थाओं में एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए, जीनोसाइड वॉच, हिंदूज फॉर ह्यमन राइट्स, इंडियन अमेरिकी मुस्लिम काउंसिल शामिल हैं।