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भारत-जापान ने 10 प्रमुख समझौते पर किए हस्ताक्षर

india-japan-696x392नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान आज(11 नवंबर) को बेहद अहम सिविल न्यूक्लियर डील समझौते पर मुहर लग गई है। दुनिया में ऐटमी हमला झेलने वाला एकमात्र देश जापान ने पहली बार किसी ऐसे देश के साथ न्यूक्लियर करार की है, जिसने परमाणु अप्रसार संधि पर साइन नहीं किए हैं।

इसके साथ ही भारत और जापान ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचा और रेलवे में जापानी निवेश बढ़ाने तथा अंतरिक्ष एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में आपसी सहयोग के 10 नए समझौतों पर हस्ताक्षर किए।

-इनमें से एक करार भारत में रेलवे एवं परिवहन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास, बंदरगाहों, पथकर वाली सड़कों, हवाई अड्डों के निर्माण और शहरी विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग एवं निवेश बढ़ाने के लिए है।

-इसके अलावा दो समझौते अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए किए गए हैं। इसमें से समझौता एक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और जापान एरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जाक्सा) के बीच बाहरी अंतरिक्ष में उपग्रह दिशानिर्देशन और खगोलीय खोज में सहयोग बढ़ाने के लिए हुआ है।

-एक अन्य समझौता भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और जापान की समुद्र-पृथ्वी विज्ञान एजेंसी के बीच संयुक्त सर्वेक्षण और शोध में सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया है। इसके तहत दोनों तरफ के शोधार्थी और विशेषज्ञ एक दूसरे की संस्थाओं की यात्राएं कर सकेंगे।

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच द्विपक्षीय बातचीत के बाद दोनों देशों ने असैन्य परमाणु सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंध मजबूत होने की उम्मीद है।

-इसके अलावा दोनों देशों ने कृषि क्षेत्र में सहयोग के लिए भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इन समझौतों के तहत कृषि उत्पादों की खाद्य मूल्य श्रृंखला के नेटवर्क और उत्पादों के भौगोलिक पहचान संकेत (जीआई) की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया जाएगा।

-इसके अलावा ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्किल इंडिया’ के लिए भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं।