Breaking News

भारत के 44वें चीफ जस्टिस होंगे न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहड़

justice-kheharनई दिल्ली। न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए संसद की ओर से पारित राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) कानून को निरस्त करने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ के अध्यक्ष रहे न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहड़ भारत के अगले चीफ जस्टिस (सीजेआई) होंगे. मौजूदा चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति तीरथ सिंह ठाकुर ने आज न्यायमूर्ति खेहड़ के नाम की सिफारिश देश के 44वें चीफ जस्टिस के तौर पर नियुक्ति के लिए की.

न्यायमूर्ति ठाकुर ने आज एक पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति खेहड़ के नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के तौर पर की. 64 साल के न्यायमूर्ति खेहड़ सिख समुदाय से देश के पहले चीफ जस्टिस होंगे. वह तीन जनवरी 2017 को सेवानिवृत हो रहे न्यायमूर्ति ठाकुर की जगह लेंगे.

चार जनवरी 2017 को भारत के चीफ जस्टिस के पद की शपथ लेने वाले न्यायमूर्ति खेहड़ सात महीने से ज्यादा समय तक इस पद पर रहेंगे. वह 27 अगस्त 2017 को सेवानिवृत होंगे.

विवादित एनजेएसी कानून के मामले में पीठ की अध्यक्षता करने के अलावा न्यायमूर्ति खेहड़ ने उस पीठ की भी अगुवाई की थी जिसने इस साल जनवरी में अरूणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने के केंद्र के फैसले को दरकिनार कर दिया था.

वह उस पीठ का भी हिस्सा थे जिसने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को जेल भेजा था. रॉय की दो कंपनियों में लोगों की ओर से निवेश किए गए धन को लौटाने से जुड़े मामले की सुनवाई के वक्त सहारा प्रमुख को जेल भेजने का आदेश दिया गया था.

न्यायमूर्ति खेहड़ को राष्ट्रपति चार जनवरी, 2017 को देश के 44वें चीफ जस्टिस के पद की शपथ दिलायेंगे. न्यायमूर्ति खेहड़ 27 अगस्त तक इस पद पर रहेंर्गे. न्यायमूर्ति ठाकुर तीन जनवरी को अवकाश ग्रहण कर रहे हैं. न्यायमूर्ति खेहड 13 सितंबर, 2011 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुये थे.

न्यायमूर्ति खेहड को आठ फरवरी 1999 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का न्यायमूर्ति नियुक्त किया गया था. इसके बाद दो अगस्त, 2008 को उन्हें इसी हाई कोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश बनाया गया.

न्यायमूर्ति खेहड़ 17 नवंबर, 2009 को उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने. इसके बाद उन्हें आठ अगस्त, 2010 को कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी भी सौंपी गयी.