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भारत के लिए अब PAK नहीं रहा अहम, मिसाइलों का फोकस अब चीन की तरफ

भारत के लिए अब PAK नहीं रहा अहम, मिसाइलों का फोकस अब चीन की तरफ

Bulletin of Atomic Scientists में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अब चीन की राजधानी बीजिंग पर भारतीय परमाणु मिसाइलें नजरें जमाए हुए हैं. भारत के इस कदम को उठाने के पीछे की वजह साफ है कि वह चीन की हर साजिश का जवाब देने के लिए तैयार है. बता दें कि चीन के विवाद को ध्यान में रखते हुए भारत तीन ऐसे हथियारों का निर्माण कर रहा है जिससे बड़ी ताकत मिलेगी. 20 जुलाई को प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट को हेंस ए क्रिस्टेंस और मैट कोर्डा ने भारत की शक्ति के बारे में जानकारी दी है.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत के पास हवा से परमाणु हमला करने में सक्षम विमानों में मिराज 2000एच और जगुआर आईएस एयरक्राफ्ट शामिल हैं. इनके अलावा इस महीने के अंत में शामिल होने वाला राफेल लड़ाकू विमान भी परमाणु मिसाइलों को दागने में सक्षम है. भारत मिराज 2000एच विमान को अपग्रेड कर रहा है जिसके बाद इन्हें मिराज 2000आई के नाम से जाना जाएगा.

रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के पास ऐसी मिसाइलें ( Land-based ballistic missiles) हैं जो जमीन-हवा और पानी से परमाणु हमला करने में सक्षम हैं. जो देश इन तीनों माध्यमों के जरिए परमाणु हमला करने में सक्षम होते हैं उन्हें न्यूक्लियर ट्रॉयड संपन्न देश कहा जाता है. भारत तेजी से परमाणु वॉरहेड ले जाने में सक्षम कई अन्य मिसाइलों का निर्माण भी कर रहा है, जिसमें से कई हथियार निर्माण के अपने अंतिम स्टेज में पहुंच गए हैं. इसमें जमीन से दागे जाने वाली अग्नि-6 मिसाइल और पनडुब्बियों से फायर की जाने वाली के-5 मिसाइल शामिल हैं. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत ने 150 से 200 परमाणु बमों को बनाने में प्रयोग किए जाने वाले प्लूटोनियम का संवर्धन कर रखा है. हालांकि भारत के पास वर्तमान में 150 से कम परमाणु बम है.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के पास आठ हथियार ऐसे हैं जिनसे कभी भी परमाणु हमला किया जा सकता है. इनमें से हवा से हमला करने वाले 2 हथियार, जबकि जमीन से हमला करने वाले 4 बैलेस्टिक मिसाइल प्रणाली और 2 समुद्र आधारिक बैलेस्टिक मिसाइल प्रणाली शामिल है. इसके अलावा तमाम हथियारों का विकास भी जारी है.