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भाजपा के सरकार में आने की आहट से छुट्टी के दिन पंचम तल से लेकर सचिवालय तक खुला रहा,यूपी सचिवालय में फाड़ी गई सैकड़ों फाइलें

लखनऊ । यूपी चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने सपा सरकार पर आरोप लगाए थे कि सपा सरकार में गुंडों का राज चलता था. पीएम मोदी ने कहा था कि सपा सरकार पुलिस थानों से चलाई जाती थी. अभी-अभी आयी इस बड़ी खबर को पढ़कर आपको पूरा यकीन आ जाएगा कि पीएम मोदी ने कुछ गलत नहीं कहा था.

यूपी चुनाव में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद जैसे ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस्तीफा दिया, वैसे ही यूपी में अपराधियों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों में भी खलबली मच गयी. इससे जुडी दो अहम् खबरे सामने आयी है. सबसे पहले तो कुंडा विधानसभा सीट से जीत का जश्न मना रहे निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह समेत कुल पांच लोग के खिलाफ 25 साल के एक युवक योगेंद्र यादव की हत्या और साजिश का मुकदमा दर्ज कर लिया गया.

ये दूसरी खबर तो और भी ज्यादा हैरान कर देने वाली है. खबर है कि यूपी चुनाव में बीजेपी के बहुमत से जीतने के साथ कई सरकारी अधिकारियों के होश उड़ गए और वो अपने काले-कारनामे छुपाने के लिए सरकारी फाइलों को फाड़ने में जुट गए. यूपी सचिवालय व एनेक्सी (मुख्यमंत्री सचिवालय) में सैकड़ों फाइलें फाड़ी गयीं और बोरों में भरकर कूड़े में फेक दी गयीं.

खबर आयी है कि शनिवार को जब यूपी चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए, उस वक़्त छुट्टी होने के बावजूद सचिवालय और एनेक्सी के कई दफ्तर खोले गए और वहां रखी फाइलों को आनन्-फानन में फाड़ा जाने लगा. इन फाइलों के बेहद सावधानी के साथ इतने छोटे-छोटे टुकड़े किये गए ताकि कोई भी हिस्सा इस्तेमाल ना किया जा सके. इसके बाद इन्हें बोरों में भरकर कूड़े में फेक दिया गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ सचिवालय के मुख्य भवन की गैलरी में और एनेक्सी के पीछे के हिस्से में फटी हुई फाइलों के टुकड़ों का ढेर लगा था. दरअसल पीएम मोदीदरअसल पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान ही वादा किया था कि सरकार बनाते ही सपा सरकार के काले कारनामों की जांच कराएंगे, और सभी जानते है कि पीएम मोदी ने एक बार जो कमिटमेंट कर दी तो फिर वो अपने आप की भी नहीं सुनते. उनका इस कदर खौफ है इन भ्रष्ट अधिकारियों के मन में, इन्हें पता है कि बीजेपी की सरकार बनते ही सपा सरकार के सभी घोटालों की जांच शुरू होगी. बिना अधिकारियों की मिलीभगत के तो कोई घोटाला हो नहीं सकता इसलिए गिरफ्तारी के डर से ये भ्रष्ट अधिकारी सबूत मिटाने में ही जुट गए.