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भागवत के बयान पर बरसे राहुल गांधी, कहा- ‘सेना और शहीदों के अपमान लिए शर्म आनी चाहिए’

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर तीखा हमला किया है. राहुल गांधी ने मोहन भागवत के बयान को सेना और शहीदों का अपमान बताया है. वहीं, विवाद बढ़ता देख आरएसएस ने सफाई देते हुए कहा है कि भागवत के बयान का गलत मतलब निकाला गया है.

भागवत को शर्म आनी चाहिए- राहुल गांधी

राहुल ने ट्वीट किया, ‘’’आरएसएस चीफ का यह बयान हर भारतीय का अपमान है, क्योंकि उन्होंने देश के लिए जान देने वालों का असम्मान किया है. यह देश के झंडे का भी अपमान है, क्योंकि तिरंगे को सलाम करने वाले सैनिकों का अपमान किया गया है. भागवत को सेना और शहीदों का अपमान करने के लिए शर्म आनी चाहिए.’’ राहुल गांधी पहले ही आरएसएस की विचारधारा पर हमले करते रहे हैं.

 भागवत पर मुक़दमा दर्ज होना चाहिए- हार्दिक पटेल

इस मामले में हार्दिक पटेल ने भी बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है, ‘’संघ प्रमुख अब हमारी सेना पर आक्षेप करते है. सेना को कमज़ोर बताने वाले मोहन भागवत से राष्ट्रभक्ति किसको सिखनी हैं !!! भक्त जवाब ज़रूर देना नहीं तो साहब तनख़्वाह काट लेंगे. सेना का अपमान करने वाले भागवत पर मुक़दमा दर्ज होना चाहिए.’’ 

संघ प्रमुख अब हमारी सेना पर आक्षेप करते है।सेना को कमज़ोर बताने वाले मोहन भागवत से राष्ट्रभक्ति किसको सिखनी हैं !!! भक्त जवाब ज़रूर देना नहीं तो साहब तनख़्वाह काट लेंगे ।। सेना का अपमान करने वाले भागवत पर मुक़दमा दर्ज होना चाहिए ।।

मनोज तिवारी ने किया भागवत का बचाव

वहीं, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भागवत का बचाव किया है. उन्होंने कहा है, ‘’जब शब्दों को समझने में चूक होती है तो ऐसा ही अर्थ का अनर्थ होता है.  हर एजेंसी का अपना योगदान है. आरएसएस का तो हर व्यक्ति देश के लिए लड़ने और मरने के लिए तैयार है. तन समर्पित, मन समर्पित और यह जीवन समर्पित. चाहता हूं देश की धरती तुझे कुछ और भी दूं.’’

मनोज तिवारी ने आगे कहा, ‘’उन्होंने (भागवत) सेना की जगह लेने की बात नहीं कही. आरएसएस सेना का बहुत सम्मान करता है. यदि ज़रूरत पड़ती है तो हर नागरिक को देश के लिए जान देने में भी पीछे नहीं हटना चाहिए. हम जिएंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए.’’

मोहन भागवत ने क्या कहा है?

मोहन भागवत ने बिहार के मुजफ्फरपुर में स्वयंसेवकों को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि देश को जरूरत पड़ेगी तो उनके स्वंयसेवक सेना से पहले ही तीन दिन में तैयार हो जाएंगे.  हम मिलिट्री नहीं है, लेकिन हमारा अनुशासन उनके जैसा ही है. इतना ही नहीं, मोहन भागवत ने ये भी कहा कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून इजाजत दे हम तुरंत तैयार हो जाएंगे.