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भगवा और कलावा बनेगा आतंकियों का हथियार, एमपी पुलिस ने भेजा यूपी को अलर्ट

लखनऊ। यूपी में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठनों ने भगवा चोले को ढाल बनाया है। आतंकी संगठनों ने किशोर उम्र के आतंकियों को साधु और तांत्रिक के वेश में प्रशिक्षित कर यूपी में उतार दिया है। यह लोग प्रमुख धार्मिक स्थलों के अलावा प्रतिष्ठित संस्थानों को भी निशाना बनाने की तैयारी में हैं। एमपी पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट से जानकारी मिलने के बाद यूपी की सुरक्षा शाखा ने सभी जोन के आईजी, रेंज के डीआईजी, जिलों के कप्तान व एएसपी रेलवे को अलर्ट कर दिया है। इसके अलावा शुक्रवार की रात से खुफिया एजेंसियों को भी चौकन्ना कर दिया गया है।

क्या हैं इनपुट्स?
एमपी इंटेलिजेंस से मिले इनपुट के मुताबिक, आतंकी वारदात के लिए यूपी में भेजे गए युवा 17-18 साल के हैं। इन लोगों को हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों की ट्रेनिंग दी गई है। यह लोग साधु संतों व तांत्रिकों के वेश में रहते हैं। इसी साल फरवरी में 20-25 युवाओं को आतंकी संगठनों ने भारत-नेपाल बॉर्डर से यूपी में भेज दिया है। यूपी में घुसने के बाद इन लोगों ने हिंदू बहुल शहरों में हिंदू बस्तियों में ठिकाना बना लिया है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए आतंकी अपना हिंदू नाम रखकर किराए के मकान में रहने की योजना लेकर दाखिल हुए हैं। अयोध्या, काशी, मथुरा के अलावा आगरा का ताज महल, इलाहाबाद और लखनऊ की हाई कोर्ट बिल्डिंग, विधान भवन, सचिवालय के अलावा प्रमुख प्रतिष्ठान, रेलवे स्टेशन और भीड़ भाड़ वाले बाजार इनके निशाने पर हैं।

ऑपरेशन कृष्णा इंडिया से है ताल्लुक
पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने हिंदू रीति रिवाजों का प्रशिक्षण देकर एजेंटों को हिंदू आबादी में प्रवेश करवाने के लिए ऑपरेशन कृष्णा इंडिया शुरू किया था। इन एजेंटों को भी उसी का हिस्सा माना जा रहा है। आईएसआई की योजना इन एजेंटों को साधु वेश् में धार्मिक स्थलों में स्थापित करने की है, ताकि वह अपना काम आसानी से कर सकें। उसके बाद यह लोग धार्मिक विद्वेष फैलाने के साथ ही किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की रणनीति बना सकते हैं।

इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल से भी मिले इनपुट
इसी साल मार्च में एमपी, लखनऊ व कानपुर से गिरफ्तार इस्लामिक स्टेट के खुरासान मॉड्यूल के एजेंट्स और मास्टरमाइंड गौस मोहम्मद से भी इंटेलिजेंस को अहम इनपुट मिले हैं। गौस मोहम्मद लखनऊ में करन खत्री बनकर किराए के मकान में रह रहा था। इसके अलावा 12 सितंबर 2014 को बिजनौर में हुए आईईडी ब्लॉस्ट की घटना में मारे गए सिमी आतंकियों (खंडवा जेल से फरार हुए थे) के हाथ में भी कलावा और माथे पर तिलक मिला था। जेल से फरार होने के बाद इन लोगों ने हिंदू नामों से बिजनौर में किराए का मकान लिया था। फिलहाल खुफिया एजेंसियां अब यूपी में दाखिल एजेंट्स को भी इन्हीं आतंकियों की कड़ी का हिस्सा मानकर छानबीन कर रही हैं।