नई दिल्ली। कर्ज वसूली में बैंकों ने एक प्रमुख कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स को दिवालिया होने से फिलहाल बचा लिया है। बैंकों के सामने जेपी ने ऋण पुनर्गठन पैकेज को मंजूरी देने का प्रस्ताव रखा था, जिसे बैंकों ने मान लिया। हालाँकि समूह की कर्जदार कंपनी जेपी इन्फ्राटेक को दिवालिया संहिता के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट में भेजा जाना तय है।
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी पर मार्च 2016 तक 29,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। कंपनी ने ऐलान किया था कि वह मध्य और पश्चिम भारत में अपने सीमेंट संयंत्र अल्ट्राटेक सीमेंट को बेचेगी। लेकिन यह सौदा अभी पूरा नहीं हुआ है। सौदा पूरा होने के बाद जयप्रकाश एसोसिएट्स आदित्य बिड़ला ग्रुप की अल्ट्राटेक को अपना 10,000 करोड़ रुपये का ऋण हस्तांतरित कर देगी। बाकी कर्ज की किस्तें वह अपने शेष बचे सीमेंट और बिजली व्यापार से चुका सकती है।
जेपी एसोसिएट्स का 13,000 करोड़ रुपये का लैंड बैंक एक नए स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) को ट्रांसफर किया जाएगा, जिस पर बैंकों का कंट्रोल रहेगा. बैंक लोन की रिकवरी करने के लिए यह जमीनें बेचेंगे. इससे पहले रिजर्व बैंक ने बैंकों से जयप्रकाश एसोसिएट्स में अपने एक्सपोजर का कम के कम 25 फीसदी प्रोविजन करने को कहा था।
जयप्रकाश एसोसिएट्स ने अपना कर्ज घटाने के लिए पिछले दो सालों में अपनी कई संपत्तियां बेची हैं. कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में अपना एक सीमेंट प्लांट और एक ग्राइडिंग यूनिट 2,000 करोड़ रुपये में ओरिएंट सीमेंट को बेची थी, जिसके बाद कंपनी का स्टैंडअलोन डेट 23,758 करोड़ रुपये रह गया था।