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बुलंदशहर की DM बी. चन्द्रकला सहित 29 IAS अधिकारियों ने नहीं दिया संपत्‍ति का ब्‍यौरा

BchandrakalaIASलखनऊ। अपनी दबंग छवि की वजह से न सिर्फ यूपी बल्कि देश भर में युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय बुलंदशहर की डीएम बी. चन्द्रकला समेत 29 आईएएस अधिकारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने में डिफाल्टर साबित हुए हैं।
हाल ही में अपने साथ सेल्फी खिंचवाने वाले युवक को जेल भिजवाने पर सुर्खियाँ बटोर रहीं बी. चन्द्रकला के अलावा 6 अन्य महिला आईएएस अधिकारी अपनी संपत्ति का ब्यौरा देने में असफल रही हैं।
गौरतलब है कि सिविल सेवा अधिकारियों को वर्ष 2014 के लिए 15 जनवरी 2015 तक अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड प्रस्तुत करना था लेकिन एक वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक इन अधिकारियों ने अपना ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया है।
2015 के लिए राज्य सरकार को 28 फरवरी तक सभी पदस्थ आईएएस अधिकारियों को संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराना है। ब्यौरा उपलब्ध न कराये जाने के बावत जब डीएम बुलंदशहर से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उधर से जवाब मिला कि मैडम अभी व्यस्त हैं ।
सास ससुर ने लखनऊ में दिया 55 लाख के फ़्लैट का गिफ्ट
अगर केंद्र सरकार के सामान्य प्रशासन एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा दी गई जानकारी को देखा जाए तो पता चलता है कि बी चन्द्रकला की संपत्ति वर्ष 2011-12 केवल 10 लाख रुपए थी, जो कि वर्ष 2013-14 में लगभग एक करोड़ हो गई। 2011-12 में अपने गहने बेचकर और तनख्वाह के पैसे से चन्द्रकला ने आन्ध्र प्रदेश के उप्पल में 10 लाख का फ़्लैट ख़रीदा था। आज के समय में बी. चन्द्रकला के पास लखनऊ के सरोजिनी नायडू मार्ग पर अपनी बेटी कीर्ति चन्द्रकला के नाम से 55 लाख का फ़्लैट मौजूद है जिसके बारे में उन्होंने दावा किया है कि यह फ़्लैट उनके सास ससुर ने उन्हें गिफ्ट किया है। इसके अलावा आन्ध्र प्रदेश के अनुपनगर में भी उन्होंने 30 लाख का एक मकान अपने पैसे से ख़रीदा है जिससे वो 1.50 लाख रुपए सालाना की कमाई का दावा करती हैं। उनके पति रुमुलू अजमीरा के नाम एक खेती की जमीन भी करीम नगर में है।
पदोन्नति न देने का है प्रावधान
आन्ध्र प्रदेश के उस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक और इसी विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा के तहत परास्नातक करने वाली बी चन्द्रकला द्वारा संपत्ति का ब्यौरा न दिए जाने को लेकर यूपी कैडर के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि समय से संपत्ति का ब्यौरा न दिया जाना आश्चर्यजनक है। बी. चन्द्रकला जैसी अधिकारी से इन गंभीर विषयों की अवहेलना करने की उम्मीद कत्तई नहीं थी।
गौरतलब है कि सिविल सेवा नियमावली में यह साफ़ उल्लखित है की जो भी आईएएस अधिकारी प्रतिवर्ष 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराएगा उन्हें पदोन्नति नहीं दी जाएगी और अखिल भारतीय सेवा के अंतर्गत वरिष्ठ पदों के लिए उनका नाम भी आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
डिफाल्टर अधिकारियों की यह है सूची
नीचे उन आईएएस अधिकारियों की सूची दी गई हैं जिन्होंने आज की तारीख तक (2014 के लिए) अपनी संपत्ति का ब्यौरा सरकार को उपलब्ध नहीं कराया है।
1 Ms. Loretta Mary Vas (UP:1977)
2 Shri Shailesh Krishna (UP:1980)
3 Shri Rakesh Sharma (UP:1981)
4 Dr. Hari Krishna (UP:1981)
5 Dr. Surya Pratap Singh (UP:1982)
6 Shri Raj Pratap Singh (UP:1983)
7 Shri Atul Bagai (UP:1983)
8 Shri P V Jagan Mohan (UP:1987)
9 Shri Katru Rama Mohana Rao (UP:1994)
10 Shri Pragyan Ram Mishra (UP:1996)
11 Ms. Rita Singh (UP:1997)
12 Shri Anil Raj Kumar (UP:2000)
13 Shri Ajay Deep Singh (UP:2002)
14 Shri Sharad Kumar Singh (UP:2002)
15 Shri Bhagelu Ram Shastri (UP:2003)
16 Smt. Kanak Tripathi (UP:2003)
17 Shri Anita Srivastava (UP:2004)
18 Shri Suresh Kumar-I (UP:2004)
19 Shri Digvijay Singh (UP:2004)
20 Ms. S. Mathu Shalini (UP:2008)
21 Ms. B. Chandrakala (UP:2008)
22 Shri Vaibhav Shrivastava (UP:2009)
23 Shri Ashutosh Niranjan (UP:2010)
24 Ms. Neha Sharma (UP:2010)
25 Shri Andra Vamsi (UP:2011)
26 Ms. Chandni Singh (UP:2013)
27 Shri Raj Kamal Yada (UP:2013)
28 Shri Sunil Kumar Verma (UP:2013)
29 Shri Ravindra Kumar Mander(UP:2013)

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