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बीजेपी की मेयर प्रत्याशी RSS की पहली पसंद, किसकी जिद पर हुआ संयुक्ता का टिकट

लखनऊ। लखनऊ की मेयर प्रत्याशी को लेकर आखिरकार बीजेपी को आरएसएस के आगे घुटने टेकने पड़ गए. दरअसल बीजेपी के बड़े नेता पूर्व नगर आयुक्त रेखा गुप्ता को मेयर पद का प्रत्याशी बनाना चाहते थे, लेकिन आरएसएस के आगे उनकी एक नहीं चली. बताया जाता है की इस मामले में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को भी आरएसएस के आगे झुकना पड़ा. हालांकि संयुक्ता भाटिया इस पद की उम्मीदवारी का आगे कोई दावा न कर सकें.जिसके चलते ही उन्हें पहले ही बीजेपी ने महिला आयोग का सदस्य नामित कर दिया था, लेकिन जैसे ही स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा हुई, उन्होंने इस पद की उम्मीदवारी का सशक्त दावा ठोंक दिया.

सूत्रों के मुताबिक बीजेपी के शीर्ष स्तर के नेता उनका टिकट अंतिम समय तक काटने की कोशिश करते रहे, लेकिन आरएसएस के एक बड़े गुट के आगे उनकी एक नहीं चली. बताया जाता है कि आरएसएस का यह गुट अंतिम समय तक इस बात पर अड़ा रहा कि लखनऊ से अगर किसी को मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो वह संयुक्ता भाटिया ही होंगी.इसके अलावा किसी और को प्रत्याशी नहीं बनाया जा सकता. जिसके चलते बीजेपी को आरएसएस के आगे झुकना पड़ा.

बीजेपी के पूर्व विधायक स्वर्गीय सतीश भाटिया की पत्नी संयुक्ता भाटिया को लखनऊ से मेयर का प्रत्याशी बनाया गया है. बीजेपी  ने रविवार रात नगर निगमों के महापौर के आठ उम्मीदवारों की सूची जारी की. लखनऊ में मेयर प्रत्याशी पर आरएसएस पृष्ठभूमि की संयुक्ता भाटिया, लखनऊ में ही एक ईमानदार अधिकारी के रूप में पहचान बना चुकीं रेखा गुप्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास की पत्नी अलका दास का नाम पर विचार हो रहा था. दावेदारों में हालांकि महंत देव्या गिरी का नाम भी प्रमुखता से चल रहा था. अंतिम दौर में पद की लड़ाई संयुक्ता भाटिया और रेखा गुप्ता पर ही केंद्रित हो गई थी. संयुक्ता भाटिया के बेटे विशाल भाटिया इस समय लखनऊ में संघ के पदाधिकारी हैं. जबकि रेखा गुप्ता राजनाथ सिंह की पसंद बताई जा रही थीं. लेकिन अंत में संघ के दबाव के आगे भाजपा को संयुक्ता भाटिया को ही मेयर प्रत्याशी घोषित करना पड़ा.