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बिखर गया ‘समाजवादी कुनबा’, रामगोपाल SP से निष्कासित

shivaplmulayamलखनऊ। समाजवादी पार्टी में परिवार का झगड़ा अब ऐसे मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां से सुलह के सारे रास्ते बंद दिख रहे हैं। रविवार को पहले अखिलेश ने चाचा शिवपाल और उनके करीबियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया, तो दिन ढलने से पहले ही पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने भाई प्रफेसर रामगोपाल यादव की समाजवादी पार्टी से ही छुट्टी कर दी। रामगोपाल अखिलेश यादव के समर्थन में थे और उन्होंने विधायकों को पत्र लिखकर कहा था कि जहां अखिलेश वहां विजय।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे रामगोपाल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है। इसका ऐलान शिवपाल सिंह यादव ने किया। शिवपाल ने कहा कि प्रफेसर साहब बीजेपी से मिले हुए हैं। उन्होंने 3 बार बीजेपी नेताओं से मुलाकात की। शिवपाल के मुताबिक रामगोपाल के बहू-बेटे यादव सिंह घोटाले में फंसे हुए हैं और उन्हें बचाने के लिए ही रामगोपाल बीजेपी से मिले हुए हैं और पार्टी को कमजोर कर रहे हैं।

शिवपाल ने रामगोपाल यादव पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रफेसर साहब संकट के समय कभी भी पार्टी नेताओं के साथ नहीं खड़े हुए। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा प्रफेसर साहब की तानाशाही की पार्टी फोरम में शिकायत की, इस वजह से वह मेरे खिलाफ षडयंत्र करते रहे। शिवपाल ने कहा कि रामगोपाल ने समाजवादी आंदोलन को कमजोर करने का काम किया, वह भ्रष्टाचारियों से मिले हुए हैं।

शिवपाल ने आरोप लगाया कि प्रफेसर साहब ने हमेशा नेताजी के नाम का दुरुपयोग किया और गलत काम करने वालों का गिरोह बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि बीएसपी राज के ‘अत्याचार’ के समय जब पार्टी के कार्यकर्ता जेल गए तो रामगोपाल किसी से मिलने नहीं गए। शिवपाल ने रामगोपाल पर मोहन सिंह, ब्रजभूषण तिवारी जैसे बड़े नेताओं के अपमान का आरोप लगाया।

शिवपाल ने जनता परिवार का विलय न हो पाने का ठीकरा भी रामगोपाल के सिर फोड़ा। उन्होंने कहा कि हम पसीना बहा रहे हैं और वह पार्टी कमजोर कर रहे हैं। एसपी के यूपी प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल ने भाई रामगोपाल पर आरोप लगाया कि वह अपनी मेधा का इस्तेमाल समाजवादी विचारधारा को फैलाने में करने के बजाय षडयंत्र रचने में किया।

(रामगोपाल को SP से निकाले जाने से जुड़ी प्रेस विज्ञप्ति)