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बाबरी मामला: BJP के खिलाफ बोलने से कतरा रही कांग्रेस

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एलके आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और बीजेपी के कुछ अन्य नेताओं पर बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में षडयंत्र का आरोप तय करने को लेकर बुधवार को कांग्रेस कोई बड़ा बयान देने से बचती नजर आई।

हाल के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के खिलाफ बड़ी हार झेलने वाली कांग्रेस इस संवेदनशील मुद्दे पर ‘वेट ऐंड वॉच’ की स्थिति में है। कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर कोई बड़ी टिप्पणी करने से बचते नजर आए। हालांकि, इससे पहले कांग्रेस ने कई बार बीजेपी को हिंदुत्व और अयोध्या में राम मंदिर जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश की है।

कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने बीजेपी नेताओं के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बावजूद केंद्रीय मंत्री उमा भारती और राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के इस्तीफे की मांग नहीं की। हालांकि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने कहा कि इन दोनों को इस्तीफा देना चाहिए।

कांग्रेस कमिटी के संवाददाता सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर पर पार्टी की ओर से कोई बयान नहीं दिया गया। पार्टी के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने इसके बजाय अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में वीजा प्रतिबंधों के कारण भारतीयों को होने वाले नौकरियों के नुकसान और पार्टी के वाइस प्रेजिडेंट राहुल गांधी के जम्मू और कश्मीर पर किए गए ट्वीट पर बात की।

उनसे जब उमा भारती के मंत्री के तौर पर इस्तीफा देने की जरूरत के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नैतिकता की समझ पर निर्भर है। कल्याण सिंह के राज्यपाल के पद से हटने की जरूरत के बारे में पूछने पर तिवारी ने कहा कि बाबरी मस्जिद के विध्वंस में मुख्यमंत्री रहने के दौरान सिंह की भूमिका को देखते हुए उनसे इस तरह के नैतिक आचरण की उम्मीद नहीं की जा सकती।

कांग्रेस के एक अन्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने बात की है। न्याय होना चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।’ कपिल सिब्बल का कहना था, ‘अब कम से कम यह पता चल गया है कि कानून का महत्व बरकरार है और न्याय दिया जाएगा।’ लेकिन सुरजेवाला और सिब्बल दोनों ने उमा भारती या कल्याण सिंह के इस्तीफे की सीधी मांग नहीं की।

कांग्रेस की ओर से केवल एके एंटनी ने इस मुद्दे पर अपनी राय स्पष्ट रूप से रखी। उनका कहना था, ‘सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के मद्देनजर, उमा भारती को केंद्रीय मंत्री के तौर पर और कल्याण सिंह को राज्यपाल के तौर पर इस्तीफा देना चाहिए।’