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बहुविवाह मामले से ज्यादा महत्वपूर्ण है अयोध्या विवाद, इसे संविधान पीठ को सौंपा जाए: SC में दी गई दलील

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को जोरदार दलील दी गई कि अयोध्या का भूमि विवाद संविधान पीठ को सौंप दिया जाए क्योंकि यह मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह प्रथा के मुद्दे से ही ज्यादा महत्वपूर्ण है. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष खंडपीठ ने एक मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन के इस अनुरोध पर कहा कि सभी पक्षों को सुनने के बाद ही इसे संविधान पीठ को सौंपने के बारे में निर्णय लिया जायेगा.

14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है पीठ 
धवन ने पीठ से कहा, ‘‘ अयोध्या भूमि विवाद मुस्लिम समुदाय में प्रचलित बहुविवाह प्रथा से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है और पूरा राष्ट्र इसका जवाब चाहता है.’’ यह विशेष पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के  30 सितंबर, 2010 के बहुमत के फैसले के खिलाफ दायर  14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है.

इससे पहले, न्यायालय ने श्याम बेनेगल और तीस्ता सीतलवाड जैसे लोगों की इस मामले में हस्तक्षेप करने की उम्मीदों पर यह कहते हुए पानी फेर दिया था कि सबसे पहले मूल विवाद के पक्षकारों को ही बहस करने की अनुमति दी जाएगी.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने बहुमत के फैसले में विवादास्पद भूमि का सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बंटवारा करने का आदेश दिया था.