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बढ़ी रार, 80 विधायकों के बयान पर जेडीयू ने कहा-तेजस्वी पर सफाई दे आरजेडी

पटना। बिहार में डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप के बाद राज्य में सियासी बवाल बढ़ता जा रहा है। महागठबंधन के दो अहम घटक जेडीयू और आरजेडी में इस मसले पर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। इसी क्रम में जेडीयू ने एक बार फिर आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा कि उसे 80 विधायकों का गुमान होने की जगह अपने डेप्युटी सीएम पर लगे आरोपों पर सफाई देनी चाहिए।

बिहार जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा, ‘आरजेडी को 80 विधायकों का घमंड नहीं होना चाहिए। उसे 2010 में अपने 22 विधायकों की संख्या को भी ध्यान में रखना चाहिए। 2015 में आरजेडी के विधायकों की संख्या में बढ़ाने में नीतीश कुमार जैसे विश्वसनीय चेहरे का साथ भी है।’ गौरतलब है कि तेजस्वी पर रेलवे के होटल घोटाला मामले में सीबीआई ने मामला दर्ज किया है।

243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में आरजेडी के पास 80 विधायक हैं। जेडीयू के पास 71 और कांग्रेस के पास 27 विधायक हैं। बीजेपी के पास 53 विधायक हैं। आरजेडी के बिहार चीफ रामचंद्र पूर्वे के 80 विधायकों वाले पर बयान संजय ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘सीमा के भीतर रहें और जितनी जल्दी हो सके आरोपों पर (तेजस्वी के खिलाफ) सफाई दें।’ जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी कहा कि जिनपर आरोप लगें हैं उन्हें अपनी सफाई पेश करनी चाहिए, ताकि विपक्ष को चुप कराया जा सके।

पार्टी नेता अजय आलोक ने भी आज कहा था कि नीतीश को सत्ता छोड़ने में 5 मिनट भी नहीं लगेंगे। उन्होंने कहा कि विधायकों के आंकड़े गिना रही आरजेडी किसी गलतफहमी में न रहे। इस बीच खबर है कि सरकार बचाने की कवायद में कई तरह के फॉर्म्युलों पर विचार किया जा रहा है। इसमें आरजेडी के सभी मंत्रियों के इस्तीफे का विकल्प भी शामिल है।

उधर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तेजस्वी इस बवाल के बीच इस्तीफा देने का मन बना चुके हैं। आरजेडी चीफ लालू यादव के रांची से शनिवार को पटना पहुंचने पर इसका ऐलान किया जा सकता है। हालांकि तेजस्वी ने मीडिया रिपोर्ट्स को सिरे से खारिज किया है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘कुछ मीडिया में बीजेपी की योजना पर काम किया जा रहा है। मुझे इसपर जोर की हंसी आ रही है।’

उधर कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस चीफ सोनिया गांधी ने तेजस्वी के मसले पर सीएम नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव से कई बार फोन पर बात कर चुकी हैं। सूत्रों के अनुसार वह दोनों नेताओं को इस मसले पर एक समझौता करने का आग्रह कर चुकी हैं।

लालू का फॉर्म्युला
उधर तेजस्वी पर बढ़ते दबाव के बीच आरजेडी दूसरे विकल्प पर अब गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार लालू प्रसाद ने अपने करीबियों को संकेत दिया है कि वह सरकार गिरने नहीं देंगे और जरूरत पड़ने पर तेजस्वी समेत अपने सभी मंत्रियों से इस्तीफा दिला देंगे और सरकार को बाहर से समर्थन देंगे। लालू के करीबियों के अनुसार वह यह संदेश नहीं देता चाहते हैं कि उनकी ओर से गठबंधन को कमजोर किया जा रहा है। हालांकि आरजेडी नेता ऑन रेकार्ड फिलहाल ऐसी किसी संभावना से इनकार कर रहे हैं।

कांग्रेस का स्टैंड
कांग्रेस भी इस मामले में अब किसी का पक्ष न लेकर बीच-बचाव की मुद्रा में आई है। पार्टी ने शुरू में तेजस्वी को सपॉर्ट करने का ऐलान किया था, लेकिन बाद में राहुल की नीतीश के साथ हुई बातचीत में इस स्टैंड में बदलाव आ गया।