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बड़ी मुलाकात से पहले बड़ी जीत: अमेरिका ने सैयद सलाउद्दीन को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया

वॉशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच मुलाकात से ठीक पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने हिज्बुल मुजाहिदीन के मुखिया सैयद सलाउद्दीन को आतंकवादियों की विशेष रूप से नामित आतंकवादियों की सूची में रखा है। हिज्बुल मुजाहिदीन इन दिनों कश्मीर में सबसे ताकतवर आतंकवादी संगठन बना हुआ है। इस बीच, भारत ने अमेरिकी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह बताता है कि दोनों देश आतंकवाद के खतरे को एक समान महसूस कर रहे हैं।

अमेरिकी सूची के जरिए उन विदेशी व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है, जिन्होंने आतंकवादी वारदात को अंजाम दिया हो या जिनसे आतंकवादी खतरा हो। यह खतरा चाहे अमेरिकी नागरिक को हो या अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या फिर अर्थव्यवस्था को। सलाउद्दीन को इस विशेष सूची में रखे जाने का नतीजा यह होगा कि कोई भी अमेरिकी व्यक्ति सलाउद्दीन से किसी तरह का लेन-देन नहीं कर सकेगा। सलाउद्दीन की कोई भी प्रॉपर्टी जो अमेरिका में होगी वह जब्त हो जाएगी।

क्या कहा गया है अमेरिकी नोटिफिकेशन में
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने सैयद सलाउद्दीन के नाम से मशहूर मोहम्मद यूसुफ शाह को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी (एसडीजीटी) घोषित कर दिया है। बयान में कहा गया है कि सितंबर, 2016 में सलाउद्दीन ने कश्मीर मसले की किसी शांतिपूर्ण समाधान की कोशिश को बाधित करने का संकल्प लिया था, अधिक से अधिक कश्मीरी युवाओं को आत्मघाती हमलावर बनाने की चेतावनी दी थी और कश्मीर घाटी को भारतीय सुरक्षाबलों के लिए कब्रगाह में तब्दील करने का संकल्प भी लिया था।

बयान में आगे कहा गया है, ‘हिज्बुल मुजाहिदीन के वरिष्ठ नेता रहने के दौरान सलाउद्दीन के नेतृत्व में हिज्बुल ने जम्मू और कश्मीर में अप्रैल, 2014 को हुए बम विस्फोट हमले सहित अनेक आतंकवादी हमलों की जिम्मेदारी ली।’ जम्मू एवं कश्मीर में अप्रैल, 2014 को हुए बम विस्फोट में 17 लोगों की मौत हो गई थी। बयान में कहा गया है कि अमेरिकी जनता और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए सोमवार को जारी की गई अधिसूचना में यह घोषित किया जाता है कि सैयद सलाउद्दीन ने आतंकवादी वारदातों को या तो अंजाम दिया है या इसका खतरा पैदा किया है।