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फैसला सुनाते समय गुरमीत राम रहीम को लेकर कोर्ट ने की ये टिप्पणी

रोहतक। साध्वी से रेप के मामले में 10 साल की सजा सुनाने से पहले गुरमीत राम रहीम पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की. रोहतक की जेल में लगाई गई सीबीआई की स्पेशल कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने फैसला सुनाने से पहले राम रहीम की सजा पर बहस के दौरान इस मामले उसके जुर्म की गंभीरता की ओर ध्यान दिलाया. जज जगदीप सिंह ने राम रहीम की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘आपने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया है, आपने रेप जैसे अपराध को अंजाम दिया है.’

जज ने फैसला सुनाने के वक्त ये माना कि समाज का एक ऐसा शख्स जिसे लोग बाबा मानते हैं, उसे अलग-अलग रूप में देखते हैं. उसकी बातों को लोग गौर से सुनते हैं. इसके बाद भी उन्होंने ऐसे कुकृत्य को किया है, जिसे किसी भी सूरत में क्षमा नहीं किया जा सकता है. दोनों पक्षों बहस खत्म होने के बाद बाबा गुरमीत राम रहीम रहम की गुजारिश कर रहा था. वह गिड़गिड़ाते हुए सजा कम करने की गुजारिश कर रहा था.

जेल में बहस पूरी होने के बाद गुरमीत राम रहीम ने जज के सामने माफी मांगनी शुरू कर दी. जेल सूत्रों के मुताबिक राम रहीम की आंखों में आंसू आ गए. उसके शरीर थरथरा रहे थे. वह बार-बार डेरा की ओर से किए गए अच्छे कामों की दुहाई दे रहा था. राम रहीम की कांपती हुई जुबान पर बस एक ही बात थी- ‘क्षमा कर दें…हमने समाज के लिए काफी काम किया है.’  जब जज ने राम रहीम को 10 साल की सजा सुना दी तो वह गुस्सा हो गया और वहीं जमीन पर बैठ गया. वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा. इसके बाद कमांडो ने उसे पकड़कर वहां से हटा दिया.

सीबीआई ने की थी अधिकतम सजा की मांग
2.30 बजे सजा पर बहस के दौरान सीबीआई ने कहा कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है इसलिए राम रहीम को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए. जिसके बाद राम रहीम के वकील ने कोर्ट के बताया कि राम रहीम ने सामाजिक कार्य किए हैं. इसलिए सजा में नरमी बरती जानी चाहिए.

सजा सुनाए जाने से पहले राम रहीम ने कोर्ट के सामने माफी मांगी. इस दौरान राम रहीम रो पड़े और कोर्ट से रहम की गुहार लगाई. जबकि सीबीआई ने किसी भी तरह की राहत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि राम रहीम को आजीवन कारावास की सजा दी जाए. आपको बता दें कि रोहतक की सुनारिया जेल में बनाए गए कोर्ट रूम में केवल दोनों पक्षों के वकीलों को ही जाने की इजाजत थी. जज द्वारा फैसला पढ़े जाने के बाद दोनों पक्षों के वकीलों ने बाहर आकर इसकी जानकारी दी.

गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम पर साल 2002 में साध्वी ने यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. इस केस में लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने 25 अगस्त 2017 को राम रहीम को दोषी करार दिया था. इसके बाद राम रहीम के समर्थकों ने हरियाणा के कई जिलों में जमकर उत्पात मचाया था. इस हिंसा में 38 लोग मारे गए थे वहीं सैकड़ों की संख्या में लोग घायल हुए थे.

हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे जज
इससे पहले पंचकूला सीबीआई कोर्ट के जज जगदीप सिंह हेलीकॉप्टर रोहतक पहुंचे थे. सुरक्षा कारणों से सीबीआई कोर्ट के जज को हेलीकॉप्टर के जरिए 40 मिनट का सफर तय करना पड़ा. आपको बता दें कि जब से राम रहीम को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. तभी से पूरे हरियाणा में तनाव बना हुआ है. हरियाणा के अलावा यूपी, राजस्थान और दिल्ली में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद कोई हिंसक घटना ना हो इसके लिए प्रशासन ने रोहतक और सिरसा के साथ हरियाणा के सभी जिलों में सुरक्षा के कड़े इंजताम किए है.

संदिग्ध के देखे जाने पर गोली मारने के थे आदेश
रोहतक जेल के बाहर किसी भी संदिग्ध के देखे जाने पर गोली मारने के आदेश दिए गए है. रोहतक के उपायुक्त ने कहा है कि उपद्रवियों ने यदि चेतावनी को धता बताया तो उन पर गोलियां चलाई जा सकती हैं . रोहतक के उपायुक्त अतुल कुमार ने पत्रकारों को बताया, ‘‘हम रोहतक में किसी को उपद्रव पैदा नहीं करने देंगे . कानून तोड़ने वाले और हिंसा या आगजनी करने वाले अपनी स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार होंगे . उपद्रव करने वाले को पहले चेतावनी दी जाएगी और यदि उसने ध्यान नहीं दिया तो उसे गोलियों का सामना करना पड़ेगा .