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फिर जेल पहुंचा बाहुबली शहाबुद्दीन, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की जमानत

shahabuddin30नई दिल्ली। आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली शहाबुद्दीन को आज फिर जेल भेज दिया गया. शहाबुद्दीन को राजीव रोशन केस में मिली जमानत आज सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी, जिसके बाद उसने सरेंडर कर दिया. शहाबुद्दीन को फिर से जेल भेजे जाने पर बिहार में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है.

शहाबुद्दीन को बिहार के सिवान में समर्पण करने के बाद जेल भेज दिया गया. सिवान में खौफ का दूसरा नाम कहे जाने वाले शहाबुद्दीन ने समर्पण करने के बाद कहा कि वो हमेशा कानून का सम्मान करता है.

शहाबुद्दीन पटना हाईकोर्ट से ज़मानत मिलने पर 11 साल बाद इसी 10 सितंबर को जेल से बाहर आया था. राजीव रोशन हत्याकांड में मिली इस ज़मानत को राजीव रोशन के पिता चंद्रकेश्वर प्रसाद ने चुनौती दी थी.

शहाबुद्दीन पर चंद्रकेश्वर प्रसाद के दो और बेटों गिरीश और सतीश को तेज़ाब से जलाकर मारने का भी आरोप है. राजीव अपने भाइयों की हत्या के इस केस का चश्मदीद गवाह था. लेकिन आरोप है कि शहाबुद्दीन ने उसे भी मरवा दिया.

नीतीश सरकार ने भी राजनीतिक दबाव के बीच सुप्रीम कोर्ट में शहाबुद्दीन की ज़मानत का विरोध किया था. जमानत पर छूटने के बाद शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बार-बार राजनीतिक हमले किए थे.

ऐसे में जब उससे पूछा गया कि क्या उसे लगता है कि जमानत को चुनौती देने का बिहार सरकार का फैसला उसके इन हमलों से जुड़ा है, तो उसने नीतीश को अगले चुनाव में सबक सिखाने की चेतावनी दे डाली.

चंद्रकेश्वर प्रसाद के वकील प्रशांत भूषण ने दलीलें

  • शहाबुद्दीन अब तक 10 मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है, जिनमें दो मामले हत्या के हैं.
  • उसके खिलाफ 45 मुकदमे लंबित हैं, जिनमें 9 मुकदमे कत्ल के हैं.
  • प्रशांत भूषण ने कहा कि ऐसे शख्स के जेल से बाहर रहने का केस पर असर पड़ सकता है.
  • इस पर कोर्ट ने हाईकोर्ट के फ़ैसले को रद्द करते हुए शहाबुद्दीन को फौरन जेल भेजने का आदेश दिया.
  • शहाबुद्दीन को गिरीश-सतीश हत्याकांड में उम्रकैद की सज़ा मिली है लेकिन इस मामले में भी उसे हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
  • जमानत के इस फैसले को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.

प्रशांत भूषण ने कहा है कि वो जल्द ही शहाबुद्दीन को बिहार से बाहर की किसी जेल में रखने की अर्ज़ी दाखिल करेंगे. शहाबुद्दीन को फिर से जेल भेजे जाने पर बिहार में बीजेपी ने जश्न मनाया और उसे अब तक पार्टी से नहीं निकालने पर लालू प्रसाद पर निशाना भी साधा. शहाबुद्दीन की पीठ पर लालू यादव का हाथ होने की वजह से आरजेडी के बाकी नेता इस मसले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं.