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प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है 24 लोगों की मौत

photo-2लखनऊ/वाराणसी। विश्व की धार्मिक व सांस्कृतिक राजधानी कही जाने वाली काशी में शनिवार को धार्मिक जुलूस के दौरान मची भगदड़ में 24 लोगों की मौत के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाए तो गलत नहीं कहा जा सकता है। भगदड़ से 24 लोगों की मौत के बाद भी मौके पर राहत के लिए पुलिस-प्रशासन को एक घंटे का वक्त लग जाना सरकारी मशीनरी का पूरी तरह पंगु होना दिखाता है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तीन हजार लोगों की अनुमति लेकर लाखों लोगों को काशी की सड़कों पर उतरने के बाद क्राउड मैनेजमेंट का कोई इंतजाम न होना हादसा का बड़ा कारण माना जा रहा है।

जिस जगह यह भगदड़ मची है वह बनारस-चंदौली जिले की सीमा पर होने के बाद भी दोनों जिलों की पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की ढिलाई एवं उदासीनता बरती है। अनुमति से कई गुना ज्यादा भीड़ सड़क पर उतरने के बाद जुलूस को आगे बढ़ने से न रोकना जहां पूरे शहर की यातायात व्यवस्था को पंगु बना दिया वहीं लाखों शहरवासी इसके कारण शहर के बाकी हिस्सों में जाम में फंसकर परेशान रहे। इस जुलूस के चलते रामनगर इलाके में कई किमी लंबा जाम लग गया। इस जाम के चलते मुगलसराय जंक्शन जाने वाले सैकड़ों यात्रियों की ट्रेन छूट गयी।

बनारस के डीएम विजय किरण आनंद और एसएसपी आकाश कुलहरि ने भीड़ के बाद इससे निपटने के लिए कोई उपाय नहीं किया। बनारस के इतिहास में सबसे लंबा जुलूस होने के बाद इसको लेकर स्थानीय अभिसूचना यूनिट यानी एलआईयू की ओर से भी कोई इनपुट न देने की बात सामने आ रही है। जिला प्रशासन की लापरवाही और सुस्ती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है हादसे के चार घंटे बाद तक कोई हेल्पलाइन नंबर तक नहीं जारी किया जा सका।

हादसे के लिए जिला प्रशासन जिम्मेवार:बीजेपी
बाबा जय गुरुदेव के अनुयाइयों के भगदड मे जान गंवाने पर भाजपा ने इसे सीधे सीधे प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही बताया है। भाजपा काशी क्षेत्र के अध्यक्ष लक्षमण आचार्य, विधायक श्यामदेव राय चौधरी ने कहा कि जब बाबा जय गुरुदेव के कार्यक्रम मे मात्र तीन हजार लोगो को संगत मे बुलाया गया था तो वहां लाखों लोग कैसे बिना अनुमति के पहुंच गए? क्या जिला प्रशासन हादसे के लिए इंतजार में बैठा था? भाजपा ने दोषी अफसरों की बर्खास्तगी की मांग उठायी है।

पुल टूटने की अफवाह से मच गयी भगदड़
बाबा जयगुरुदेव के शिष्य की ओर से आयोजित धार्मिक समागम के आयोजक संतराम चौरसिया ने कहा कि भगदड़ के पीछे पुल टूटने की अफवाह रही। पुल पर जुलूस के दौरान गर्मी से गश खाकर एक महिला के गिरने के बाद कुछ शरारती तत्वों ने पुल टूटने की अफवाह उड़ा दी। जिसके कारण यह बड़ा हादसा हो गया। उनका कहना है कि अफवाह के बाद मची भगदड़ के पीछे पुलिस-प्रशासन की बड़ी लापरवाही भी एक कारण है। तीन हजार की जगह तीन लाख लोगों को एकत्र होने के सवाल पर चौरसिया ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उल्लेनीय है कि वाराणसी में जय गुरुदेव के शाकाहार और मद्य निषेध प्रचार के लिए निकली पैदल यात्रा में ये भगदड़ मची थी।