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पूर्व मे कई बार छापा पड परंतु आज भी बीच जलधारा से खनन कर रहे हैं अछरौंड खदान मे

बाँदा- लाल मौरंग के खनन के मामले मे जनपद मे कई खदाने इन दिनों मानको को ताक पर रख कर खनन कार्य कर रही है , जिनमे से प्रमुख रूप से अछरौंड खदान का नाम आता है , यह वही खदान पर जिसमे अभी कुछ दिन जिलाधिकारी महोदय ने कई किलोमीटर पैदल चलकर निरीक्षण की कार्यवाही की थी और कई ट्रक जो ओवरलोड मौरंग के परिवहन मे लिप्त थे पकडे भी गये थे और पेनाल्टी भी लगायी गयी थी परंतु आज भी अछरौंड खंड के संचालक केन नदी के जलधारा के बीच से खनन करके पुनः प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं ।
ताजा मामला शहर सीमा से लगे अछरौंड खदान का है जहां प्रतिदिन सैकडो ट्रक मौरंग का परिवहन होता है और यह सभी ट्रक पूर्णतः ओवरलोड मौरंग का परिवहन करते हैं ।
खंड संचालन से जुडे तमाम लोगो को मौरंग की निकासी की इतनी जल्दी रहती है कि वो सभी नियम कायदे को ताक पर रख कर बीच जलधारा मे भारी भरकम पोकलैंडो से खनन करके प्रशासन के सामने से निकाल रहे है , कई बार पूर्व भी कार्यवाही की गयी है जिसके फलस्वरूप मात्र दो या तीन दिन के लिये प्रशासन के सम्मान मे खदान बंद कर दी जाती है फिर पुनः उससे दुगनी गति से अपने निर्धारित क्षेत्र से बाहर से खनन करके अपना दो तीन दिन का नुकसान पूरा कर लेते हैं ।
खंड संचालकों का स्थानीय निवासी होना इनके लिये सबसे अधिक मददगार बन रहा है जिससे क्षेत्रीय पत्रकारो का भी साथ मिल जाता है और खदान पर छापे की सूचना , छापा पडने से पूर्व खंड संचालको तक पंहुच जाती है ।
इसीलिये इसबार जिलाधिकारी ने छापे से पूर्व अपने सभी सहयोगियो और मातहतो के मोबाइल अपने पास जमा करा लिये थे तभी उनका निरीक्षण कामयाब रहा और दर्जनो ओवरलोड गाडियां पकडी गयी । अब देखना है कि चुनाव के समाप्त होते ही क्या इन पर पुनः छापामार कार्यवाही होगी या फिर खंड संचालक अछरौंड क्षेत्र की केन की जलधारा से खनन करके प्रशासन को चुनौती देते रहेगे ।