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पूरे देश को इमर्जेंसी की खौफनाक यादों से रूबरू करायेंगे प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। पीएम मोदी ने कांग्रेस के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार चलने का फैसला कर लिया है। जिस इतिहास से कांग्रेस भाग रही है उसी को वो कांग्रेस के सामने ला कर खड़ा करने वाले हैं। कांग्रेस लगातार सियासी पिच पर बीजेपी के हाथों मात खा रही है। अब 25 साल बाद कांग्रेस के सामने उसके इतिहास का सबसे काला अध्याय फिर से खुलने वाला है। बात कर रहे हैं इमर्जेंसी के बारे में। केंद्र सरकार ने 25 जून को पूरे देश में अपने मंत्रियों को भेजने का फैसला किया है। इसके जरिए वो पूरे देश को इमर्जेंसी की खौफनाक यादों को दिखाना चाहती है।

आपको बता दें कि 42 साल पहले ठीक 25 जून को ही इंदिरा गांधी सरकार के दौरान इमर्जेंसी लगी थी। इंदिरा ने अपने खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर लगाम लगाने के लिए 1975 में इमर्जेंसी  लगाई थी। इमर्जेंसी के दौरान विरोध की हर आवाज को कुचल दिया गया था। कई विपक्षी नेताओं को जेल में ठूंस दिया गया था। मीडिया की आजादी खत्म हो गई थी। आम जनता के ऊपर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे।  संविधान के कई अधिकारों का हनन किया गया था।

पीएम मोदी की इस चाल से कांग्रेस परेशान है बताया जा रहा है कि मोदी सरकार इस के लिए पुख्ता तैयारियां कर रही है। बीजेपी के एक नेता ने बताया कि पिछले साल काफी छोटे स्तर पर इमर्जेंसी को लेकर कार्यक्रम हुए थे। लेकिन इस साल काफी बड़े पैमाने पर ये कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार के मंत्रियों को उन जगहों का चयन करने को कहा गया है जहां स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों का जन्म हुआ था। बीजेपी का मकसद है कि देश के युवा इमर्जेंसी की काली यादों को भूलने न पाएं।

बीजेपी नेता का कहना है कि इमर्जेंसी के दौरान गैर कांग्रेस शासित 8 राज्यों का तख्तापलट एक दिन में हो गया था। युवाओं को कांग्रेस के इतिहास के इस काले अध्याय के बारे में पता होना चाहिए। खास बात ये है कि बीजेपी इस कार्यक्रम का आयोजन बड़े खास मौके पर कर रही है। बता दें कि कांग्रेस ने इंदिरा गांधी की शख्सियत को लेकर पूरे देश में व्यापक स्तर पर कार्यक्रम करने की योजना बनाई है। जिस में वो इंदिरा गांधी का गुणगान करेगी। ऐसे में बीजेपी इमर्जेंसी की काली यादों को फिर से जिंदा कर के कांग्रेस को बैकफुट पर लाने की कोशिश कर रही है।