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पुणे हिंसा: मोदी के मंत्री ने दी जिग्नेश मेवाणी को क्लीन चिट

नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पुणे में भड़की जातीय हिंसा से पूरे राज्य में अव्यवस्था फैल गई है. जगह-जगह तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें आ रही है. एक धड़ा घटना के पीछे गुजरात के विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र उमर खालिद को जिम्मेदार बता रहा है, तो दूसरी तरफ दलितों पर अत्याचार की सोच को दोषी ठहराया जा रहा है. लेकिन मोदी कैबिनेट में मंत्री और महाराष्ट्र के दलित नेता रामदास अठावले ने मेवाणी का बचाव किया है.

रामदास आठवाले ने कहा है कि हर साल दलित लोग ये कार्यक्रम करते हैं, जिसमें लाखों लोग आते हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं. ऐसे में जांच के बाद ही ये पता लग पाएगा कि इस हिंसा के पीछे कौन लोग हैं.

‘घटना के पीछे जिग्नेश नहीं’

इस दौरान अठावले ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी का बचाव किया. उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे जिग्नेश नहीं हैं. अपनी दलील में अठावले ने कहा, ‘जिग्नेश मोदी जी के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन इस घटना में उनका हाथ नहीं है.’

अठावले ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी हमेशा संघ और बीजेपी के खिलाफ बोलते हैं. अठावले ने कांग्रेस शासन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के समय में दलित उत्पीड़न की कितनी घटनाएं, राहुल को इसकी जानकारी नहीं है.

हिंसक झड़प में एक व्यक्ति की मौत और बड़ी संख्या में लोगों के घायल होने के बाद मंगलवार देर शाम पुणे के दो युवाओं जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद के खिलाफ लिखित शिकायत देकर FIR दर्ज करने की मांग की है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद ने कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था. बता दें कि 1 जनवरी को इस जश्न से पहले क्षेत्र में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां मेवाणी और उमर खालिद ने भाषण दिया था. अपने भाषणों में दोनों ने दलितों पर अत्याचार के लिए बीजेपी और आरएसएस की आलोचना की थी.