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पीडब्ल्यूडी में पीएमओ का आदेश भी नजरअंदाज

lko pmoलखनऊ। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पीएमओ के आदेश को भी नजरअंदाज कर अपने मातहतों को बचाने में जुटे हैं। एक रिटायर्ड कर्मचारी आरपी सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पीडब्ल्यूडी में घूसखोरी की पोल खोली थी।
आरोप था कि प्रमुख अभियंता (विभागाध्यक्ष) कार्यालय में तैनात अधिकारी और कर्मचारी खुलेआम बजट पर पांच फीसदी कमीशन और ठेकेदारों के रजिस्ट्रेशन पर 60 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे हैं। शिकायत में 12 अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों का जिक्र करते हुए गुप्त जांच की मांग की गई थी। आरोप था कि यह लोग घूस वित्त नियंत्रक और मुख्य अभियंता (मुख्यालय दो) तक को पहुंचाते हैं।

पीएमओ से जांच के लिए यह पत्र मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव के यहां होते हुए प्रमुख अभियंता विकास (विभागाध्यक्ष) के पास पहुंचा। उन्होंने मामले की जांच उन्हीं मुख्य अभियंता को सौंप दी, जिन पर कर्मचारियों द्वारा वसूली जाने वाली रिश्वत पहुंचने का आरोप था।

विभाग गंभीर नहीं
शासन ने 10 दिसंबर 2015 को प्रमुख अभियंता विकास को आदेश दिया कि एक हफ्ते में जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजी जाए। विभागीय सूत्रों के अनुसार जांच के आदेश हुए 10 हफ्ते बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक मामले की जांच शुरू ही नहीं की गई। पीएमओ के आदेश के बाबजूद आरोपित अधिकारियों और कर्मचारियों को विभागाध्यक्ष कार्यालय से नहीं हटाया गया।