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पीएम मोदी और अमित शाह की मर्जी नहीं फिरभी राजनाथ का सीएम बनाना तय

लखनऊ। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के निजी स्टाफ के आज यूपी के मुख्यमंत्री आवास 5 कालिदास मार्ग के मुआयने से इस बात के सीधे संकेत मिल रहे हैं कि राजनाथ सिंह ही उत्तर प्रदेश के नये मुख्यमंत्री होंगे. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी अधिकारी और सचिव आमोद कुमार के साथ आज राजनाथ सिंह के स्टाफ ने जिस तरह से मुख्यमंत्री आवास की व्यवस्थाओं का मुआयना किया और बारीकियाँ समझी उसने भी इस बात की पुष्टि की है.

राजनाथ सिंह जब यूपी के मुख्यमंत्री थे तब भी आमोद कुमार मुख्यमंत्री सचिवालय में बतौर विशेष सचिव तैनात रह चुके हैं. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का भी जोर राजनाथ सिंह पर है. उनके अनुभव को देखते हुए संघ चाहता है कि उन्हें यूपी की बागडोर सौंपी जाये ताकि 2019 का रास्ता आसान हो जाये. 2017 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जो प्रचंड बहुमत मिला है उसके बाद आरएसएस चाहता है कि इस बड़ी उपलब्धि को देखते हुए ऐसे तजुर्बेकार व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाये जिसका नाम भी बड़ा हो और सरकार चलाने का अनुभव भी उसके पास हो. इन शर्तों पर राजनाथ सिंह खरे उतरते हैं.

उल्लेखनीय है कि  पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह को फ़िलहाल 4 कालिदास मार्ग का बंगला एलाट है. सूत्र बताते हैं कि प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राजनाथ सिंह के नाम पर सहमत नहीं थे, लेकिन आरएसएस ने राजनाथ सिंह पर ही भरोसा जताया और उन्हीं को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही. आरएसएस से हरी झंडी मिलने के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का निजी स्टाफ मुख्यमंत्री के 5 कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास का मुआयना करने पहुंचा. कार्यवाहक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कल ही 5 कालीदास मार्ग स्थित सरकारी आवास को खाली कर दिया था. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर मिले 4 विक्रमादित्य मार्ग पर अपना सामान शिफ्ट करवा लिया है. राजनाथ सिंह 13 साल की उम्र में ही आरएसएस से जुड़ गये थे. वह वर्ष 2000 से 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं.

मौजूदा समय में वह लखनऊ से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निर्वाचन क्षेत्र से सांसद और केन्द्रीय गृह मंत्री हैं. राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं. मिलनसार स्वभाव के राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश की नब्ज़ को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं. उनके पास अच्छा प्रशासनिक अनुभव है. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का उन पर अटूट विश्वास है. इसी विश्वास के नाते संघ ने उनके नाम पर मोहर लगाई है. संघ चाहता है कि राजनाथ सिंह जैसे तजुर्बेकार शख्स को यूपी की बागडोर सौंपी जाये ताकि 2019 की राह आसान हो जाये.