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पाक चीफ जस्टिस का ‘चीप’ बयान, महिला की स्कर्ट की तरह होना चाहिए भाषण

लाहौर। ये खबर पाकिस्तान का वो चेहरा दिखा रही है जिसके कारण वहां पर जैनब जैसी बच्चियों के साथ क्रूरता होती है. जिस देश के चीफ जस्टिस इस तरह का बयान देते हों, वहां पर आम लोगों की मानसिकता को समझा जा सकता है। पूरा पाकिस्तान फिलहाल इस बया को लेकर चर्चा कर रहा है, खास बात ये है कि इस बयान के बाद भी मुख्य न्यायाधीश महोदय ने सफाई में एक शब्द नहीं कहा, शायद उनको अंदाजा नहीं है कि इस भाषण के कारण उनकी कितनी भद्द पिट रही है, सोशल मीडिया पर तो पाकिस्तान की जनता ने इनकी ऐसी तैसी कर दी है। ये बयान भाषण देने की कला पर दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश बता रहे थे कि भाषण किस तरह का होना चाहिए।

पहले तो आपको ये बताते हैं कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश हैं कौन, और उन्होंने क्या बयान दिया है, इनका नाम है साकिब निसार, बोलने की कला को लेकर बात करने वाले साकिब कुछ ऐसा बोल गए जिसके कारण वो खुद ही मुद्दा बन गए। पाकिस्तान में वैसे तो ज्यादा आजादी नहीं है बोलने की, लेकिन मुख्य न्यायाधीश को कौन रोक सकता है, लिहाजा उन्होंने अपने ज्ञान का नमूना पेश कर दिया। वो एक कार्यक्रम में गए थे, वहां पर जब बोलने की बारी उनकी आई तो चीफ जस्टिस हाथों में कागज के कुछ पन्ने लेकर माइक के सामने खड़े हो गए, उन्होंने वहां मौजूद लोगों से कहा कि मेरे हाथ में कागज के पन्ने देख कर आप बोर मत होना, मैं पहले से बता रहा हूं कि कोई लंबी चौड़ी स्पीच देने के लिए नहीं आया हूं।

इसके बाद तो उन्होंने जो कहा उस ने गदर काट दिया. पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मुझे हमेशा से ये बताया गया है कि भाषण महिला की स्कर्ट की तरह होना चाहिए, इतना लंबा भी ना हो कि लोगों की दिलचस्पी खत्म हो जाए, और इतना छोटा भी ना हो कि मुख्य हिस्से को कवर ही ना कर पाए। ये बया किस किस्म का था, ये समझने की पूरा पाकिस्तान कोशिश कर रहा है। भाषम देने की कला की तुलना करने के लिए बहुत सारी उपमाएं और अलंकार मिल जाते, लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने सुनी हुई बातों को जनता के सामने पेश कर दिया। उनको अंदाजा नहीं होगा कि इस बयान के बाद उनकी क्या हालत होने वाली है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के लोग भी एक्टिव रहते हैं, उन्होंने मुख्य न्यायाधीश को घेर लिया।

भाषण की तुलना महिलाओं की स्कर्ट से करने वाले पाकिस्तानी चीफ जस्टिस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, हैरानी की बात तो ये है कि पाकिस्तान में महिलाओं को इतनी छोटी स्कर्ट पहनने की भी आजादी नहीं है, सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि ये हमारे चीफ जस्टिस हैं जो इस तरह की सोच रखते हैं, इतना चीप बयान देते हैं। वहीं कुछ लोगों ने तो मुख्य न्यायाधीश पर आरोप लगा दिया कि उन्होंने दूसरे का स्टेटमेंट बोल दिया. दावा किया गया कि ये बयान इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल का है। बोलते समय साकिब निसार को चर्चिल को क्रेडिट देना चाहिए था। कुल मिलाकर मुद्दा इतना सा है कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश की सोच जनता के सामने आ गई। अब इसको लेकर पाकिस्तान के लोग कम से कम सोशल मीडिया पर ही सही विचार और विमर्श तो कर रहे हैं।

“Speech should be like a woman’s skirt, it should not be too long that one loses the interest and neither too short that it doesn’t cover the subject,” this is the top judge of Pakistan, Saqib Nisar.