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पाक अब नहीं करेगा छिपकर वार? सर्जिकल स्ट्राइक से यूं हुआ बेबस

01indianarmyनई दिल्ली। पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना ने बुधवार रात कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। अब सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि हमले से बौखलाया पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई कर सकता है। हालांकि, भारत की ओर से की गई सर्जिकल स्ट्राइक का जवाब देने को लेकर पाकिस्तान पशोपेश में है। अगर वह उड़ी जैसा हमला करता है तो उसे गंभीर जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। वहीं, अगर आतंकियों के सहारे आम भारतीय नागरिकों को निशाना बनाया जाता है तो पूरी दुनिया की नजर एक बार फिर पाकिस्तान के आतंकियों से रिश्तों पर होगी।

उड़ी में भारतीय सैन्य ठिकाने पर हमला और पाकिस्तानी सेना को पीएम नवाज शरीफ की ओर से दी गई शह से यह पता चलता है कि पाक को लगता है कि कश्मीर हिंसा निर्णायक मुकाम पर है। यही वह मौका है, जब वह बाहर से दबाव बनाकर घाटी में हालात को और बिगाड़ सकता है। हालांकि, मोदी सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को चौंकाया है, उससे हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। अगर पाकिस्तान अपने प्रॉक्सी वॉर को कायम रखते हुए जम्मू-कश्मीर या किसी भी राज्य में भारतीय सैन्य ठिकाने को निशाना बनाता है तो उसे न केवल करारा सैन्य जवाब मिल सकता है, बल्कि जंग जैसे हालात भी पैदा हो सकते हैं। पाकिस्तान इससे फिलहाल बचना चाहेगा।

भारत के रुख में अब बड़ा बदलाव आया है। उसने साफ संदेश दे दिया है कि ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। वहीं, दूसरी ओर अगर किसी भारतीय शहर पर आतंकी हमला होता है और पाकिस्तान उसमें अपना हाथ होने से इनकार करता है तो उसके लिए नई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। अगर इन हमलों में पाक के टेरर लिंक से जुड़ा एक भी सबूत मिलता है तो ‘आतंक के कारखाने’ के तौर पर बनी उसकी इमेज और ज्यादा मजबूत होगी।
हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी के इस फैसले से भारत के लिए भी कुछ समस्याएं खड़ी हुई हैं। हर आतंकी हमले के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक करना आसान नहीं होगा। अब पाकिस्तानी सेना उस चूक को ठीक करने में लगी होगी, जिसका फायदा उठाकर भारतीय सेना ने इस मिशन को अंजाम दिया।

पाकिस्तान की अनिश्चितता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि उसकी सेना को भारत जैसी कोई जवाबी कार्रवाई करने में खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है। जहां तक भारत की बात है, मोदी ने सिर्फ उन संभावनाओं पर काम किया, जिनके बारे में सेना ने सुझाव दिया। पाकिस्तानी नेतृत्व पर भले ही जवाब देने का दबाव हो, लेकिन उसकी ओर से उठाया गया कोई भी कदम अधिकतर देशों की कश्मीर पर बची खुची हमदर्दी भी उससे छीन लेगा। घाटी में पत्थरबाजों को शह देने के साथ यूएन में कश्मीर का राग अलापना पाकिस्तान के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला है।