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पाकिस्तान को घेरने के लिए चीन को पाले में करेगा भारत

cina-modiनई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के साझेदार चीन से संपर्क साधा है, क्योंकि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी ग्रुप जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बीजिंग का समर्थन बेहद अहम है। माना जा रहा है कि उड़ी में हुए हमले में जैश-ए-मोहम्मद का हाथ था।

पाकिस्तान को कूटनीतिक तरीके से घेरने के लिए चीन का समर्थन जरूरी है, क्योंकि वह यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल का स्थाई मेंबर है। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि दिल्ली का नजरिया पाकिस्तान के प्रति चीन के झुकाव को लेकर बीजिंग पर निशाना साधना नहीं है, बल्कि भारत के मामले को आगे बढ़ाने के लिए उसे शामिल करना है।

माना जा रहा है कि उड़ी हमले के बाद मोदी सरकार ने बहुपक्षीय और द्विपक्षीय फोरम में चीन तक पहुंच बढ़ाई है। चीन के साथ मेलजोल बढ़ाने के कई कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। चीन के प्रेजिडेंट शी जिनपिंग को ब्रिक्स सम्मेलन के लिए गोवा आना है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 15-16 अक्टूबर को द्विपक्षीय बातचीत होनी है। पिछले हफ्ते चीन के स्टेट काउंसिलर यांग जिएची ने ब्रिक्स के एनएसए स्तर की बातचीत में हिस्सा लिया, जिसमें आतंकवाद से निपटने के मुद्दों पर चर्चा हुई।

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शी के साथ हांगझू में हुई मीटिंग में पड़ोसी मुल्क से पैदा होने वाले आतंकवाद के मूल कारण को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया था। मोदी ने इस बात के लिए थोड़ा संशय छोड़ा कि उनके संदेश का मकसद जैश चीफ मसूद अजहर के खिलाफ यूएन बैन को ब्लॉक करने के बजाय पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए चीन को तैयार करना है।

चीन जैश के चीफ मौलाना मसूद अजहर पर पाबंदी लगाने से जुड़ी भारत की कोशिशों के खिलाफ 2009-10 से लगातार वीटो का इस्तेमाल कर रहा है। चीन ने इस साल की शुरुआत में उस समय भी वीटो का इस्तेमाल किया, जब भारत ने पठानकोट आतंकी हमले के लिए जैश को जिम्मेदार ठहराया और यूएन में उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। दोनों पक्षों के बीच हुई सभी उच्च स्तरीय बैठकों में इन मुद्दों को लगातार उठाया गया है। अगस्त में चीन के फॉरेन मिनिस्टर के दौरे में भी इस पर काफी जोर दिया गया।

चीन भी अफगानिस्तान-पाकिस्तान रीजन से सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित है। उड़ी हमले के बाद से चीन ने अभी तक सतर्कता भरा रवैया अपनाया है। अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे दूसरे सिक्यॉरिटी काउंसिल मेंबर्स के सीधे इस्लामाबाद पर निशाना साधने के उलट चीन ने हमले पर हैरानी जताई है।