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पटाखों पर बैन, …….तो कोर्ट से सभी भी AC हटाए जाएं, जजों से गाड़ियां वापस ली जाये, प्रदुषण हो रहा है

पुरीदुनिया संवाददाता
लखनऊ। जनता तो जज्बाती है, अनपढ़ है, जाहिल है, गधी है। हमारे देश के वामपंथी सेक्युलर और विशेषकर जज तो बहुत पढ़े लिखे, मोटी डिग्री लिए, सभ्य लोग है। इसलिए जजों को सबसे पहले मिसाल कायम करनी चाहिए, ताकि जनता उसका अनुसरण कर सके। सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पर दिल्ली में पटाखों पर बैन लगा दिया, ये बैन प्रदूषण के नाम पर है।
पर ऐसा है नहीं क्यूंकि बैन प्रदूषण के कारण होता तो सिर्फ 1 नवंबर तक ही थोड़ी रहता। पुरे साल पटाखों पर बैन रहता  क्रिसमस में, 31 दिसंबर पर, निजी पार्टियों पे खूब पटाखे फोड़िये, ये बैन सिर्फ दीपावली तक है। अर्थात सिर्फ दीपावली से ही प्रदुषण होता है। हम दैनिक भारत की तरफ से भारत की सरकार से अब प्रदुषण पर बिलकुल सख्त होने की मांग करते है, और प्रदुषण पर बिलकुल सख्त फैसले लिए जाने चाहिए, ताकि आम जनता में मिसाल भी कायम हो सके, और जनता के मन में रोष भी न हो-
* सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट से शुरुवात होनी चाहिए, सुप्रीम कोर्ट जो पूरी तरह एयर कंडीशन है, सभी AC को तत्काल हटाया जाये, AC के साथ फ्रिज भी हटाया जाए, ओजोन की ऐसी तैसी हो रही है, शुरुवात सुप्रीम कोर्ट से की जाये।
* सभी जजों से डीजल पेट्रोल वाली गाड़ियां वापस ली जाएं, सभी जजों को बंगलों से अदालत तक आने के लिए साइकिल दी जाये, अगर उनको सुरक्षा का ज्यादा लफड़ा  है, तो बिना AC की गाड़ियां दी जाये। दीजिये बुलेट प्रूफ कार, पर बिना AC वाली
* साथ ही जज अपने बंगलों से एयर कंडीशन हटाएं, वो जनता को एक सन्देश दें, मिसाल कायम करे, एयर कंडीशन से ओजोन की ऐसी तैसी न करें।
* कोर्ट से सभी फ्रिज भी हटाएं जाये, उस से भी ओजोन की ऐसी तैसी हो रही है। फ्रिज का ठंडा ठंडा पानी नहीं, कोर्ट में मिटटी के मटके लगाए जाएं।
* और अगर और सख्ती करनी है तो, जजों के कमरों से पंखे भी हटाए जाएँ, उस से भी बिजली बर्बाद हो रही है और बिजली बनाने में प्रदुषण हो रहा है।
जज सब सभ्य, अधिक पढ़े लिखे, बुद्धिजीवी है, इसलिए प्रदुषण के खिलाफ इस अभियान की शुरुवात जजों और अदालतों से की जाये ताकि मिसाल कायम किया जा सके