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न अजहर अरेस्ट, न जैश पर एक्शन: पठानकोट हमले के बाद पाक ने नहीं की कार्रवाई

azhar2इस्लामाबाद। पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड मसूद अजहर को पाकिस्तान ने न तो अरेस्ट किया और न ही नजरबंद। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के जिन तीन लोगों को लाहौर से पकड़ा गया है, उनका हमले से कोई लेना-देना नहीं है।
भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों की रिपोर्ट में क्या हुआ खुलासा…
– पाक ने अजहर या जैश के खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया है।
– जैश के जिन तीन लोगों को पकड़ा गया है, उन पर सिर्फ जिहादी लिटरेचर रखने का आरोप है।
– अफसरों का कहना है कि मसूद को हिरासत में लेने की खबरें कुछ पाकिस्तानी एजेंसियों की झूठी पब्लिसिटी थी, ताकि भारत का ध्यान भटकाया जा सके।
– नए खुलासे के बीच, लाहौर में पंजाब के कानून मंत्री राणा सनउल्लाह ने कहा कि पठानकोट हमले की जांच के लिए बनी ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम का काम पूरा होने तक कोई भी इन्फॉर्मेशन पब्लिक नहीं होगी।
इससे पहले आई थी मसूद की गिरफ्तारी की खबरें
– पाक के लोकल मीडिया ने पिछले हफ्ते कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अरेस्ट हो चुका है।
– खुफिया एजेंसियों ने लाहौर यूनिवर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंस के स्टूडेंट उस्मान सरवर, साद मुगल और कासिफ को बीते बुधवार अरेस्ट किया था।
– भारत ने जो पांच मोबाइल नंबर पाकिस्तान को दिए थे, वे नंबर इन लोगों के बताए गए थे।
– पाकिस्तानी अफसरों ने 11 जनवरी को इस्लामाबाद के सेक्टर- G 10/4 में छापा मारा था। यह घर अजहर के ब्रदर-इन-लॉ अशफाक अहमद का है।
– पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, अजहर इसी घर में छिपा हुआ था। उसे पता था कि एजेंसियां उसे पेशावर, बहावलपुर और लाहौर में खोज रही हैं। इसलिए वह इस्लामाबाद में जा छिपा। लेकिन अब कहा जा रहा है कि अजहर की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
अजहर के खिलाफ 48 घंटे में डोजियर सौंपेगा भारत
– भारत मसूद अजहर के खिलाफ तैयार डोजियर अगले 48 घंटे के भीतर पाकिस्तान को सौंप सकता है।
– डोजियर में अजहर की आतंकी गतिविधियों की पूरी जानकारी है।
– इसमें आतंकी जकीउर रहमान लखवी, हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के रउफ अजगर अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम भी है।
– आतंकी संगठन कैसे फंड जुटा रहा है, इसके बारे में भी इनपुट इस डोजियर में है।
कैसे फंडिंग करता है जैश-ए-मोहम्मद?
1. जैश का कमांडर असगर जुटाता है पैसा
– ‘इंडिया टुडे’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का कमांडर मुफ्ती असगर ज्यादातर फंड जुटाता है।
– वह जम्मू-कश्मीर के अंदर मौजूद आतंकियों से कॉन्टैक्ट में रहता है।
– चूंकि हवाला के जरिए लेन-देन रिस्की होता है और इसमें एक भी चैनल ब्रेक होने पर आगे पैसा नहीं पहुंच पाता, इसलिए असगर ने नए तरीके ढूंढ निकाले हैं।
– असगर जैश के लोकल कमांडर से पाकिस्तान और अरब वर्ल्ड के लोगों से ताल्लुकात रखने वाले लोगों की पहचान करने को कहता है।
– इसके बाद उनके रिश्तेदारों के अकाउंट के जरिए आतंकी संगठन पैसों का लेन-देन करते हैं।
– 1-2 लाख रुपए नॉर्मल बैंकिंग चैनल के जरिए भेजे जाते हैं।
– फिर घाटी में इन अकाउंट्स के जरिए हैंडलर्स और आतंकियों तक पैसा पहुंचता है।
2. हज यात्रियों से कॉन्टैक्ट
– हज या उमरा के लिए जाने वाले लोगों से भी आतंकी संगठन कॉन्टैक्ट करते हैं और उनके जरिए भी पैसा पहुंचाते हैं।
– कुछ बहाने बनाकर उन्हें पैसे दे दिए जाते हैं, जो बाद में जैश के आतंकियों तक पहुंचते हैं।
3. सड़क के रास्ते
– श्रीनगर-मुजफ्फराबाद-टीटवाल रूट के जरिए जाने-आने वाले पैसेंजरों के जरिए भी पैसे इधर-उधर किए जाते हैं।
– ये काम लोकल बिजनेसमैन को बहलाकर किया जाता है।
कौन है मौलाना मसूद अजहर, पठानकोट हमले के मामले में अब तक क्या हुआ?
1. कब हुआ पठानकोट हमला?
– 2 जनवरी की सुबह 6 पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया। इसमें 7 जवान शहीद हो गए।
– 36 घंटे एनकाउंटर और तीन दिन कॉम्बिंग ऑपरेशन चला।
– हमले का मास्टरमाइंड जैश-ए-मोहम्मद का चीफ मौलाना मसूद अजहर है।
– अजहर को 1999 में कंधार प्लेन हाईजैक केस में पैसेंजरों की रिहाई के बदले छोड़ा गया था।
– भारत ने आतंकियों की उनके हैंडलर्स से बातचीत की कॉल डिटेल्स और उनसे मिले पाकिस्तान में बने सामानों के सबूत पड़ोसी देश को सौंपे हैं।
– पाक मीडिया का दावा है कि मसूद अजहर को हिरासत में लिया जा चुका है। लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार कर रहा है।
– इस बीच, भारत-पाक फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की 15 जनवरी को होने वाली बातचीत टल चुकी है।
2. किस हाईजैकिंग केस में छोड़ा गया था अजहर?
– अजहर वही आतंकी है, जिसे 16 साल पहले प्लेन हाईजैक किए जाने के बाद कंधार में छोड़ा गया था।
– 24 दिसंबर, 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने 178 पैसेंजरों के साथ इंडियन एयरलाइन्स के आईसी-814 प्लेन को काठमांडू से हाईजैक किया था।
– प्लेन को अमृतसर, लाहौर और दुबई के रास्ते अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट ले जाया गया था।
– आतंकियों ने भारत सरकार से 178 पैसेंजरों को छोड़ने के बदले तीन आतंकियों की रिहाई का सौदा किया।
– उस वक्त की अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने पैसेंजरों की जान बचाने के लिए तीनों आतंकियों को छोड़ने का फैसला किया।
– भारत की जेलों में बंद आतंकी मौलाना मसूद अजहर, मुश्ताक अहमद जरगर और अहमद उमर सईद शेख को कंधार ले जाया गया था।
– इसी मसूद अजहर ने 2000 में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद बनाया था।
3. रिहाई के बाद अजहर ने क्या किया?
– रिहाई के बाद अजहर तालिबान की मदद से अफगानिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंचा। उसने कश्मीर में इंडियन फोर्स से लड़ने के लिए जैश-ए-मोहम्मद बनाया।
– यह भी आरोप लगता रहा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई जैश के आकाओं की मदद करती है।
– 2001 में पार्लियामेंट में हुए आतंकी हमले में अजहर प्राइम सस्पेक्ट था।
– उस वक्त पाकिस्तान ने अजहर के खिलाफ कार्रवाई करने और उसे भारत को सौंपने से इनकार कर दिया था।
– खुफिया एजेंसियां मानती हैं कि पाकिस्तानी मिलिट्री अजहर जैसे आतंकियों को कोल्ड स्टोरेज में रखती हैं, जो उन्हें भारत के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं। मिलिट्री उन्हें कट्टरपंथी के रूप में पेश करती है, ताकि उन पर कार्रवाई न करनी पड़े।
4. एयरबेस हमले में क्या है अजहर का रोल?
– एयरबेस पर हमला करने वाले आतंकियों ने पाकिस्तान के बहावलपुर में सैटेलाइट फोन के जरिए बातचीत की थी।
– एयरबेस अटैक के टेररिस्ट ने जिन नंबरों से बात की थी, वे पाकिस्तान को दिए जा चुके हैं।
– यह भी खुफिया जानकारी मिली थी कि पिछले दिनों अजहर ने फोन के जरिए एक बड़ी रैली को एड्रेस किया था, जिसमें उसने भारत के खिलाफ फिर से जिहाद शुरू करने का एलान किया था।
5. पाकिस्तान में कहां से ऑपरेट करता है अजहर?
– अजहर का अड्डा फिलहाल पाकिस्तान के पंजाब प्रोविन्स का बहावलपुर है। वह यहीं जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों को ट्रेनिंग देता है।
– 2014 में इंडियन इंटेलिजेंस अफसरों ने अलर्ट जारी किया था कि अजहर फिर से प्लेन हाईजैक करने की साजिश रच रहा है।
6. क्या अजहर पर केस चलाएगा पाकिस्तान?
– ज्यादा उम्मीद नहीं है, क्योंकि मुंबई हमलों के बाद इंटरनेशनल प्रेशर के चलते पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर जकीउर रहमान लखवी को तो पकड़ा था, लेकिन उस पर आज तक मजबूत केस नहीं चल पाया।
– मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज मोहम्मद सईद को भी पाकिस्तानी एजेंसियां ज्यादा दिन जेल में नहीं रख पाईं।
– 26/11 के केस में पाकिस्तान में बनी स्पेशल कोर्ट में जज बार-बार बदलते रहे। सुनवाई कई बार टलती रही।
7. जिस कमेटी में आईएसआई और पाक मिलिट्री के अफसर, क्या वह कर पाएगी जांच?
– नवाज शरीफ ने एक जांच कमेटी बनाई है, जो पठानकोट हमले को लेकर सबूतों और आरोपों की जांच करेगी।
– कमेटी में टॉप सिविल और मिलिट्री सिक्युरिटी अफसर, जैसे काउन्टर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) के आईजी, एडिशनल आईजी (सीटीडी), खैबर पख्तूनवा आईबी के डायरेक्टर, फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एफआईए) के डायरेक्टर, आईएसआई से ब्रिगेडियर नोमान सईद और मिलिट्री इंटेलिजेंस से ले. कर्नल इरफान मिर्जा हैं।
– इस कमेटी से कार्रवाई की ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती, क्योंकि आईएसआई भारत के खिलाफ आतंकियों की मदद करती रही है।
– पाक मिलिट्री के भी कुछ अफसरों पर आतंकियों की मदद के आरोप लगते रहे हैं।
– अफगानिस्तान में इंडियन मिशन पर बीते 10 दिनों में हुए तीन हमलों में पाकिस्तानी मिलिट्री के अफसरों का हाथ माना जा रहा है।