नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोटबंदी के मुद्दे की सुनवाई करते हुए केंद्र से कई सवाल पूछे। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं और सरकार से नोटबंदी पर हो रही असुविधा को खत्म करने के लिए सलाह भी मांगी। कोर्ट ने साथ ही सरकार से पूछा कि स्थिति सामान्य होने में कितना वक्त लगेगा? मामले की अगली सुनवाई अब 14 दिसंबर को होगी।
CJI asks Centre as to why order of the Union of granting limit of Rs 24,000 per week to a person had not been complied with. #DeMonetisation
— ANI (@ANI_news) December 9, 2016
चीफ जस्टिस टी.एस. ठाकुर की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान अटर्नी जनरल (एजी) मुकुल रोहतगी से पूछा, ‘अगर आपने हर सप्ताह बैंक से निकासी की सीमा 24,000 रखी है तो बैंकों को इससे इनकार नहीं करना चाहिए।’ इसपर ए.जी. ने कहा कि सेविंग अकाउंट से राशि निकालने की अधिकतम सीमा 24,000 रुपये है। इसपर चीफ जस्टिस ने ए.जी. से पूछा कि क्यों नहीं न्यूनतम लिमिट 10,000 रुपये कर दिया जाए जिससे बैंक मना नहीं कर सके। फिर ए.जी. ने इस बारे में केंद्र सरकार से सलाह लेने की बात कही। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कहा था कि राजधानी दिल्ली में भी बैंकों के पास कैश नहीं है। उधर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साथ ही बताया कि करीब 12 लाख करोड़ के 500 और 1000 रुपये के नोट RBI के पास आ चुके हैं।
चीफ जस्टिस ने ए.जी. से पूछा कि जब आपने यह पॉलिसी बनाई तो यह गोपनीय थी लेकिन अब आप हमें बता सकते हैं कि कैश की उपलब्धता में और कितना वक्त लगेगा। कोर्ट ने साथ ही केंद्र से पूछा कि जिला सहकारी बैंकों को पुराने नोट जमा करने की इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है?
गौरतलब है कि 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा के बाद से पूरे देश के ए.टी.एम. और बैंकों में लोगों की लंबी-लंबी लाइन लगने की तस्वीरें सामने आई थीं। बैंकों के पास पर्याप्त कैश नहीं होने की शिकायतें भी मिल रही हैं। उधर सरकार ने 30 दिसंबर तक स्थिति सामान्य होने की बात कही है।