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निर्दलयी विधायकों ने फाड़ी प्रतियां

pd logलखनऊ। विधान परिषद में निर्दलीय विधायकों ने शुक्रवार को भी वेल में नारेबाजी की। एडहॉक शिक्षकों को नियमित करने के केबिनेट निर्णय की प्रतियां फाड़कर सभापति के आसन की ओर फेंकीं। एडहॉक शिक्षकों के मुद्दे पर सरकार से ठोस आश्वासन न मिलने पर बीएसपी, बीजेपी और कांग्रेस ने पूरे दिन के लिए सदन का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान सभापति को चार बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसके बाद भी निर्दल समूह के विधायक नारेबाजी करते रहे। हंगामे के दौरान ही सदन में राज्यपाल का अभिभाषण पढ़ा गया और नए वित्तीय वर्ष का बजट पेश कर दिया गया। उसके बाद सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही निर्दलीय विधायकों का समूह वेल में आ गए। उनका आरोप था कि सरकार कैबिनेट से पास निर्णय को लागू नहीं कर रही और कोई ठोस आश्वासन भी नहीं दे रही। उनका आरोप है कि जब उन्होंने इस मुद्दे को उठया तो उसने अभद्रता की गई। इसी बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। इसके बाद फिर हंगामा शुरू हुआ तो पहले 11:45 और उसके बाद 15-15 मिनट के लिए दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। सदन दोबारा शुरू होने पर नेता प्रतिपक्ष नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि इस तरह अव्यवस्थित सदन में कोई कार्यवाही नहीं हो सकती। यह सरकार की हठधर्मिता है। उन्होंने अपने दल के साथ पूरे दिन के लिए सदन का बहिष्कार किया। उसके बाद नेता बीजेपी हृदय नारायण दीक्षित और नेता कांग्रेस नसीब पठान खां भी बहिष्कार कर सदन से चले गए।

‘गतिमान’ आश्वासन ने रोकी सदन की ‘स्पीड’

विधान परिषद में दो दिन तक कार्यवाही बाधित होने की वजह सरकार का वह आश्वासन है जिसमें उसने कहा कि ‘कार्यवाही गतिमान है’। दरअसल प्रदेश के 10 हजार एडहॉक शिक्षकों को नियमित करने का वादा सपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में किया था। तब से हर बार सदन में यह मुद्दा उठा। सदन के मॉनसून सत्र से पहले कैबिनेट में भी इस पर निर्णय ले लिया गया था। नेता सदन अहमद हसन ने कहा था कि कार्यवाही गतिमान है। इस आश्वासन का सभी दलों ने विरोध किया। पूछा कि कार्यवाही आगे की ओर गतिमान है या पीछे की ओर? इसे स्पष्ट किया जाए। सरकार की ओर से बार-बार यही जवाब दिया गया कि कार्यवाही गतिमान है। इस पर गुरुवार को रात तक विधायक वेल में धरने पर बैठे रहे, जिन्हें मार्शल से उठवाया गया था। शुक्रवार को भी इसी मुद्दे पर वे वेल में धरना देकर नारेबाजी करते रहे।