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नवाज के अयोग्य होने से प्रभावित नहीं होगा चीन-पाक इकनॉमिक कॉरिडोरः चीन

पेइचिंग। चीन का कहना है कि नवाज शरीफ के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से अयोग्य घोषित कर दिए जाने से 50 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना प्रभावित नहीं होगी। दरअसल, ऐसी खबरें आ रही थीं कि पेइचिंग की निवेश वाली यह परियोजना भी भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जांच की जद में आ सकती है।

पाक की सरकारी न्यूज एजेंसी APP ने चीनी विदेश मंत्री के हवाले से कहा, ‘हमारा मानना है कि चीन-पाक रणनीतिक सहयोग इस्लामाबाद की आतंरिक स्थिति से प्रभावित नहीं होगा।’ उन्होंने पनामा पेपर्स स्कैंडल में नवाज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पाकिस्तान का आंतरिक मामला बताया और साथ ही कहा कि चीन-पाक का संबंध समय की कसौटी पर खरा उतरा है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान की राजनीतिक पार्टियों को राष्ट्रीय हित के लिए एकजुट रहना चाहिए। विदेश मंत्री ने कहा, ‘मित्रवत पड़ोसी होने के नाते चीन को उम्मीद है कि पाकिस्तान में सभी पार्टियां देश के हित को प्राथमिकता देंगी, वे अपने घरेलू मामले को सही तरीके से देखेंगे, एकता एवं स्थायित्व को बरकरार रखेंगे और साथ ही आर्थिक तथा सामाजिक विकास पर ध्यान देंगे।’

इस बीच, हॉन्ग कॉन्ग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, चीन को पाकिस्तानी सेना और राजनीतिज्ञों ने भरोसा दिया है कि नवाज के सत्ता से हटने पर CPEC में चीनी निवेश प्रभावित नहीं होगा। रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हालांकि,इसका कुछ निवेश भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की जद में आ सकता है।’

इधर, अमेरिकी थिंक टैंक मिडल ईस्ट इंस्टिट्यूट के आरिफ रफीक ने कहा कि भले ही पाकिस्तान की तरफ से भरोसा दिलाया गया हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण चीन ‘अजीब स्थिति’ में फंस गया है। रफीक आगे कहते हैं, ‘चीन नए पानी में तैर रहा है। इस्लामाबाद की यह पहली सिविलयन गवर्मेंट है जिसपर चीन ने पूरा निवेश किया है।

जहां चीन की कम्यूनिस्ट सरकार ने सिविलयन गवर्मेंट का फायदा उठाया है, वहीं दोनों देश की सेनाओं के बीच संबंध भी मजबूत हो रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘फिर भी CPEC की कुछ परियोजनाएं शरीफ पर लगे आरोपों के कारण जांच का सामना करेंगी।’ CPEC पाक के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरती है। भारत ने इसका कड़ा विरोध किया है।