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नवाज की तारीफ कर अमेरिकी मीडिया के निशाने पर आये डोनाल्ड ट्रम्प

trump-vs-shareef-pakistanन्यू यॉर्क। प्रसिद्ध अमेरिकी अखबार न्यू यॉर्क टाइम्स ने कहा है कि अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन करना भारत-पाक संबंधों के ‘नाजुक संतुलन को प्रभावित’ कर सकता है। अखबार ने साथ ही ट्रंप की आलोचना करते हुए कहा कि उनका लापरवाह तरीके से विदेशी नेताओं को फोन कॉल करना दशकों से चले आ रहे कूटनीतिक चलन को प्रभावित कर रहे हैं।

रंप के विश्व नेताओं के साथ बातचीत कर यथास्थिति को प्रभावित करने पर न्यूयार्क टाइम्स ने कहा, ‘निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने लापरवाह तरीके से विदेशी नेताओं को फोन कॉल कर दशकों के कूटनीतिक चलन को प्रभावित किया।’ ट्रंप ने कूटनीतिक चलन को दरकिनार करते हुए ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग वेन को फोन किया जिससे चीन नाराज हो सकता है। ट्रंप 1979 के बाद से ऐसे पहले राष्ट्रपति या निर्वाचित राष्ट्रपति हैं जिन्होंने ताइवान के किसी राष्ट्रपति से फोन पर बात की। अमेरिका ने चीन को मान्यता देते हुए 1979 में ताइवान से कूटनीतिक संबंध तोड़ लिए थे।

गत 30 नवंबर को ट्रंप ने शरीफ से भी फोन पर बात की। पाकिस्तानी सरकार ने ट्रंप की बातचीत का ब्यौरा देते हुए कहा कि शरीफ ने इस दौरान ट्रंप को पाकिस्तान की यात्रा के लिए आमंत्रित किया। वहीं ट्रंप ने पाकिस्तान को ‘शानदार’ लोगों से भरा एक ‘शानदार’ देश बताया और कहा कि वह राष्ट्रपति के तौर पर वहां ‘आना पसंद करेंगे।’

निर्वाचित राष्ट्रपति ने शरीफ को भी ‘बेहतरीन’ बताया और पाकिस्तानियों को ‘सबसे बुद्धिमान लोगों से एक’ कहा। उन्होंने साथ ही कहा कि वह ‘कोई भी भूमिका निभाने के लिए तैयार एवं इच्छुक हैं जो आप मौजूदा समस्याओं पर ध्यान देने एवं उनके उपाय तलाशने के लिए मुझसे अपेक्षा करते हैं।’

न्यू यॉर्क टाइम्स ने कहा, ‘अगर ट्रंप ध्यान दें तो उन्हें पता चलेगा कि वह भारत को दरकिनार करने का खतरा उठा रहे हैं जो पाकिस्तान को एक बड़े खलनायक के तौर पर देखता है और साथ ही लग रहा है कि वह पाकिस्तान के व्यवहार को प्रोत्साहित कर रहे हैं, वह अगर इससे पीछे हटते हैं तो पाकिस्तानी नेताओं को नाराज करने का खतरा मोल लेंगे जो अमेरिका के कथित कठोर रुख को लेकर संवेदनशील हैं। हर तरह से उनका यह फोन कॉल करना भारत-पाकिस्तान संबंधों के नाजुक संतुलन को बिगाड़ सकता है जिसे अमेरिका युद्धों के इतिहास एवं हालिया झड़पों के बीच बरकरार रखने में संघर्ष करता रहा है।’ ताइवानी राष्ट्रपति से ट्रंप की बातचीत को लेकर अखबार ने कहा कि इससे ‘चीन को नाराज करने का खतरा है’ जो ताइवान को चीनी विद्रोहियों द्वारा शासित देश से अलग हुआ प्रांत मानता है।

न्यू यॉर्क टाइम्स ने कहा कि ट्रंप की ताइवानी राष्ट्रपति से औपचारिक बातचीत से लगता है कि ट्रंप की ट्रांजिशन टीम अस्पष्ट तरीके से कहना चाहती है कि वह ताइवान को एक आजाद देश मानती है। गौरतलब है कि ताइवान ने अभी तक अपनी स्वतंत्रता की औपचारिक घोषणा नहीं की है। ट्रंप ने शुक्रवार को फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुतर्ते को फोन कर उन्हें अमेरिकी दौरे के लिए आमंत्रित किया था। इसे लेकर अखबार ने कहा कि डुतर्ते पर मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन के आरोप हैं। उन्होंने राष्ट्रपति बराक ओबामा के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था और हाल में चीन की यात्रा के दौरान अपने देश को अमेरिका से ‘दूर’ होने की घोषणा की थी।

अखबार ने कहा कि इन सबके बावजूद डुतर्ते को अमेरिकी दौरे के लिए आमंत्रित करने का मतलब है कि अमेरिकी को उनके व्यवहार से फर्क नहीं पड़ता जोकि सही नहीं है।