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दो दिन चला ड्रामा, अब दिल्ली में बनेगी समझौते की रुपरेखा

pd logलखनऊ। तीन दिन से चल रहे समाजवादी संग्राम की जमीन भले ही यूपी हो मगर इसके लिए अब दिल्ली में बड़ी पंचायत होगी. शिवपाल सिंह यादव चार्टर्ड प्लेन से सफाई से दिल्ली पहुँच रहे हैं , रामगोपाल वहां मौजूद हैं और अमर सिंह भी वही सक्रिय है. मगर इन सबके बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लखनऊ के अपने सरकारी आवास 5 काली दास मार्ग पर अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं.

कयास लगाया जा रहा है कि अब जो समझौता हो सकता है उसमे अखिलेश को प्रदेश अध्यक्ष का पद फिर मिलेगा और शिवपाल को उनके बिभाग. मगर बाहरी हस्तक्षेप को रोकने का भी वादा अखिलेश जरूर लेंगे.

अखिलेश यादव ने जब बुधवार को अपनी चुप्पी तोड़ी तो कहा कि परिवार के भीतर सब नेता जी की बात मानते हैं, मैंने कई फैसले उनके कहने से लिये मगर कुछ निर्णय मैंने अपने खुद से लिए हैं. अखिलेश की बात से यह साफ़ मतलब निकालता है कि पार्टी और संगठन के फैसले तो मुलायम सिंह लेते हैं मगर ये ताजा फैसले खुद मुख्यमंत्री ने लिए हैं.
हलाकि अखिलेश यादव ने अमर सिंह पर तीखा तंज कर दिया और इशारो में इस पूरे मामले का ठीकरा भी अमर सिंह के सर पर फोड़ा. अखिलेश ने कहा- “नेता जी की बात कौन नहीं मानेगा मगर जब बाहरवाले परिवार के भीतर के फैसले लेने लगेंगे तो मुश्किल होती है”.

बुधवार की सुबह सैफई में जब शिवपाल यादव मीडिया से मुखातिब थे तब उन्होंने भी कहा था कि नेता जी के फैसले सबको मानने होते हैं , मगर इस बात में शिवपाल ने “सबको” शब्द पर बहुत जोर दिया था.

समाजवादी परिवार की रार इस कदर बढ़ चुकी है कि अखिलेश यादव अब अपने कदम पीछे हटाने को कतई तैयार नहीं है और इसके लिए वे कोई भी कीमत चुकाने को तैयार है. अखिलेश को जानने वाले इस बात को बखूबी जानते हैं कि अखिलेश अपने फैसलों को आसानी से नहीं बदलते और इसके विपरीत उनके पिता और समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह कभी भी अपने फैसलों से पलट जाते हैं . पिता और पुत्र के राजनैतिक शैली का यही फर्क मामले को और भी पेचीदा बना रहा है.