Breaking News

देशद्रोही पर कार्रवाई करें लेकिन विचारधारा न थोपें: छात्रसंगठन

lko studentsलखनऊ। राष्ट्रवाद की परिभाषा पर नई बहस छिड़ चुकी है। जेएनयू इसकी लैब बनी हुई है, जहां कैंपस में कई दिन से इसी मुद्‌दे पर आवाजें उठ रही हैं। दूसरे विश्वविद्यालयों में भी यही हॉट टॉपिक बना हुआ है। जेएनयू प्रकरण को लेकर कुछ लोग राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की निंदा कर रहे हैं तो कुछ वामपंथी विचारधारा की। वहीं कुछ न्यूट्रल हैं तो कुछ इसे सिर्फ राजनीति बता रहे हैं।

एसएफआई के जिला कमिटी अध्यक्ष अनुपम का मानना है कि इस मुद्दे को लेकर, राष्ट्रद्रोह के नाम पर जेएनयू को बदनाम किया जा रहा है। वह कहते हैं, ‘देशभक्ति के लिए आरएसएस के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं। वह विचारधारा थोपने के लिए ऐसा कर रहा है। केंद्र सरकार भी उसी के इशारे पर काम कर रही है। अगर किसी ने देश विरोधी नारे लगाए तो उसे पकड़ो। छात्रसंघ चुनाव हार गए तो हराने वालों को बंद कर दिया। जेएनयू को बदनाम किया जा रहा है।’

वहीं एक अन्य वामपंथी छात्र संगठन आईसा इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई के तौर पर देख रहा है। आईसा के प्रदेश सह सचिव नीतीश कनौजिया कहते हैं, ‘बीचएयू में पढ़ाने वाले संदीप पांडेय को नक्सल समर्थक बताकर निकाल दिया गया। जेएनयू अध्यक्ष को देशद्रोह के फर्जी आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरएसएस से राष्ट्रप्रेम सीखने की जरूरत नहीं है। ये परिसरों में नकारे जा रहे हैं तो गंदी राजनीति पर उतर आए हैं। यह तो दमन की कार्रवाई है।’

वहीं छात्रसभा के प्रदेश सचिव अनिल यादव कहते हैं कि कोई भी देशद्रोही है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका मानना है कि जेएनयू विवाद विकास के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए पैदा किया गया है, जिस पर कुछ राजनैतिक पार्टियां अपनी रोटियां सेंक रहीं हैं।

वहीं कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई का मानना है कि जिस किसी ने भी देशविरोधी नारे लगाए हों, उसे गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कनिष्क पांडेय कहते हैं, ‘दिल्ली समेत पूरे देश में बीजेपी का विरोध करने वालों के खिलाफ अत्याचार हो रहा है। सरकार की गलत नीति पर सवाल किया तो जेल भेज देना लोकतांत्रिक व्यवस्था में तो नहीं होता। हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते।’

वहीं इन सभी छात्र संगठनों से इतर राय रखने वाली एबीवीपी का स्पष्ट मानना है कि कैंपस में देश विरोधी नारे लनाना बिलकुल गलत है और देश विरोध बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। संगठन के प्रदेश मंत्री रमन सिंह कहते हैं, ‘विश्वविद्यालयों के कैंपस में देश विरोधी नारे लग रहे हैं, जिन्होंने आतंकी बनाया और फांसी दी, वही समर्थन कर रहे हैं। दशकों तक कैंपस में इनकी दादागीरी चली है। चुनौती मिली तो बौखलाए हुए हैं। अच्छी बात का स्वागत है, लेकिन देश विरोध को किसी दशा में बर्दाश्त नहीं करेंगे।’