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दिवाली से पहले ही दिल्ली में धुंध, लोगों को घरों के अंदर रहने की सलाह

pollutionनई दिल्ली। दिवाली से एक दिन पहले ही हवा के बहाव में ठहराव से दिल्ली के ऊपर धुंध की परत बन गई। लगातार दो दिनों तक इस शहर को ‘गंभीर’ वायु प्रदूषण झेलना पड़ेगा और दिवाली की आतिशबाजी का इसमें अहम किरदार होगा। प्रदूषण पर नजर रखने वाली एक संस्था ने राष्ट्रीय राजधानी के लोगों को जहां तक संभव हो घरों में रहने की सलाह दी है।

प्रदूषण की मॉनिटरिंग करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी सिस्टम ऑफ एयर क्वॉलिटी ऐंड वेदर फोरकास्टिंग ऐंड रिसर्च (SAFAR) ने पहले ही भविष्यवाणी कर रखी है कि इस साल दिवाली पर दिल्ली की हवा बीते दो सालों के मुकाबले ज्यादा खराब हो सकती है। SAFAR ने प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली के लोगों को दिवाली पर बाहर रहने से बचने की सलाह दी है। दिल या फेफड़े की बीमारी से पीड़ित लोगों, बुजुर्गों और बच्चों को घर में रहने की सलाह दी गई है। पुणे स्थित एजेंसी ने अस्थमा, दिल और सांस से जुड़े मरीजों को अगले 2-3 दिनों तक खुली हवा में ज्यादा देर तक न रहने और मेहनत वाला काम न करने को कहा है।

SAFAR के मुताबिक अभी दिल्ली की हवा में PM 2.5 और PM 10 पार्टिकल्स का स्तर काफी खतरनाक है। शनिवार दोपहर के आंकड़े के मुताबिक राजधानी की हवा में PM 2.5 आर्टिकल्स की औसत मात्रा 226 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर रही, जबकि PM 10 का औसत स्तर 425 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर थी। यदि कोई व्यक्ति इन अत्यधिक महीने कणों के संपर्क में लंबे समय तक रहता है तो उसे सांस की बीमारी हो सकती है। इनकी सुरक्षित सीमा 60 और 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है। आनंदविहार में तो PM 10 का स्तर सामान्य से करीब 9 गुना ज्यादा पाई गई। पंजाबी बाग, आरके पुरम और शादीपुर इलाके में भी इसका स्तर काफी खतरनाक है।
दिल्ली की गिनती वैसे ही दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में होती है। यहां तक कि दिल्ली हाई कोर्ट ने इसे ‘गैस का चैंबर’ तक कहा था। यहां प्रदूषण दिवाली के दौरान तेजी से बढ़ता है क्योंकि हर जगह हानिकारक गैसें मौजूद रहती हैं। दिल्ली सरकार ने 26 अक्टूबर को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA द्वारा ली गई एक तस्वीर जारी की जिसमें हरियाणा और पंजाब में खरपतवार जलाए जाने की वजह से पूरे उत्तर भारत पर धुंध की एक चादर दिखाई देती है। दिल्ली सरकार का कहना है कि शहर की एयर क्वालिटी पर इसका बहुत ही खतरनाक असर पड़ रहा है।