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दिल्ली दंगे: जमानत के लिए आरोपी फैसल फारूकी ने बनवाए फर्जी मेडिकल दस्तावेज, मामला दर्ज

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दंगों के आरोपी फैसल फारूकी (Faisal Farooqui) और उसकी पत्नी सदफ के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार करने, जालसाजी करने की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. फैसल फारूकी इस समय दिल्ली दंगों के आरोप में जेल में बंद है. आरोप है कि फैसल ने वकील मोहित भारद्वाज और डॉ गजेंद्र नय्यर के साथ मिलकर पत्नी के फर्जी मेडिकल दस्तावेज तैयार करवाए ताकी इलाज के बहाने जमानत पर बाहर आ सके.

फैसल के वकील मोहित भारद्वाज ने 29 मई को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट में फैसल की पत्नी सदफ की बीमारी के आधार पर जमानत की याचिका लगाई थी. जमानत याचिका के साथ बीमारी के दस्तावेज भी लगाए गए थे जिसमें बताया गया कि सदफ को रसौली की बीमारी है और वो अपना इलाज दिल्ली से दूर ग्रेटर नोएडा में बिसरख के एक अस्पताल KS Nursing Home से करवा रही है.

अदालत ने जमानत देने से पहले दिल्ली पुलिस को दस्तावेजों की तहकीकात करने के लिए कहा. पुलिस नर्सिंग होम गई और पाया कि वहां पर अच्छी मेडिकल सुविधा नहीं है और दिल्ली से इतनी दूर फैजल की पत्नी अपना इलाज क्यों करवाएगी, इसी के आधार पर पुलिस ने जांच के बाद 30 मई को अदालत में अपनी रिपोर्ट दी लेकिन वकील को पुलिस के पास जानकारी होने का शक हो गया तो उसने फैजल की जमानत याचिका वापस ले ली.

लेकिन पुलिस को यकीन था कि इस जमानत याचिका और फर्जी मेडिकल दस्तावेज बनाने वालों के पीछे कोई बड़ा गिरोह है इसलिए पुलिस ने डॉ गजेंद्र को पुछताछ के लिए बुलाया और जांच शुरू की. गजेंद्र ने बताया कि वो दिल्ली के द्वारका मोड़ में रहता है और बिसरख में उसका नर्सिंग होम है वहीं पर मुकेश नाम का एक आदमी जो फर्जी मेडिकल दस्तावेज बनवाने का काम करता है, बुर्के में मुस्लिम महिला के साथ आया और उसका नाम सदफ बताया.

मुकेश ने बताया कि किसी की जमानत के लिए फर्जी मेडिकल दस्तावज बनाने हैं जिसके बाद महिला का अल्ट्रासाउंड करवा के फर्जी तरीके से उसमें गंभीर बिमारी दिखाई गई. डॉ गजेंद्र ने उसके लिये पहले भी नकली दस्तावेज बनाए थे. डॉ गजेंद्र के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने भी जांच के आदेश दे रखे हैं और मेडिकल काउंसिल ने भी लाइंसेंस सस्पेंड कर दिया है.

राजधानी स्कूल का मालिक फैसल फारूकी दिल्ली दंगों का मास्टर माइंड था और इसके PFI और मरकज से भी संबध थे. जांच में पता चला था कि दंगों से पहले वो लगातार मरकज और PFI के संपर्क में था. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि किस तरह से फैसल ने अपने स्कूल की छत पर बड़ी गुलेल रखी थी जिससे हिंदूओं और पुलिसकर्मियों पर पेट्रोल बम फेंके गए थे साथ ही बगल वाले स्कूल में भी हमला किया गया था.