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दादरी: अखलाक के घर में बने मीट के बीफ होने के संकेत, UP सरकार CBI जांच को तैयार

akhlaqलखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार दादरी हत्याकांड की CBI जांच कराने के लिए तैयार है। सोमवार को गौतम बुद्ध नगर के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश के सामने सबमिट की गई रिपोर्ट में सरकार ने यह बात कही है। रिपोर्ट के साथ सरकार ने एक सील बंद लिफाफे में अखलाक के घर में बन रहे मांस को लेकर मथुरा पशुचिकित्सा कॉलेज की रिपोर्ट भी दी कोर्ट को दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार को 6 अप्रैल तक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। रिपोर्ट दर्ज कराते वक्त सरकार ने अपील की कि इस केस से संबंधित मांस के मीट या बीफ होने की बात को अलग कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि एक इंसान की मौत हुई है।

इससे पहले सोमवार को ही सरकार ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि वह इस मामले की CBI जांच के लिए तैयार है, जबकि अब तक सरकार कह रही थी कि इसकी CBI जांच की जरूरत नहीं है। सरकार में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि उसने यह फैसला फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद लिया है जिसमें संकेत मिला है कि अखलाक के घर से लिया गया मांस का सैंपल बीफ हो सकता है।

शुरू में इस सैंपल को दादरी के राजकीय पशु चिकित्सालय में टेस्ट किया गया था। अक्टूबर में सबमिट की गई रिपोर्ट में इसे मटन बताया गया, लेकिन अंतिम परिणाम के लिए मथुरा स्थित लैब में भेज दिया गया था। गौरतलब है कि 28 सितंबर 2015 को गौतम बुद्ध नगर के बिसाहड़ा गांव के एक घर में बीफ बनाए जाने को लेकर भीड़ ने एक शख्स मोहम्मद अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इस हमले में उनका बेटा दानिश भी गंभीर रूप से घायल हुआ था। उनका बड़ा बेटा इंडियन एयर फोर्स में है और फिलहाल चेन्नै में पोस्ट है।

इस मामले में बीजेपी के स्थानीय नेता संजय राणा के बेटे समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। एक होम गार्ड समेत आठ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था। पीड़ित परिवार और बीजेपी के स्थानीय नेताओं की मांग के बावजूद उस समय सरकार ने CBI जांच से इनकार कर दिया था। अखलाक के परिवार ने भी नोएडा पुलिस की जांच से संतुष्ट होने की बात कही थी। सरकार ने मुआवजे के तौर पर अखलाक के बेटे और तीन भाइयों 45 लाख रुपये दिए थे।

हालांकि राणा CBI जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट गए थे। गत 16 फरवरी को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले के सभी दस्तावेज 6 अप्रैल तक सबमिट करने को कहा था। इसी संबंध में सरकार ने मांस की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट नोएडा कोर्ट में पेश की। रिपोर्ट में उसने CBI जांच को लेकर अपना स्टैंड साफ किया है कि वह इसके लिए तैयार है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि जांच निष्पक्ष रही है और सबूतों के आधार पर आरोपियों के खिलाफ ऐक्शन लिया गया है। प्रवक्ता ने कहा, ‘अगर कोई त्रुटि हुई है तो उसे ठीक कर लिया जाएगा। अगर कोर्ट CBI जांच चाहे तो सरकार इसके लिए तैयार है।’

यूपी सरकार ने यह स्टेप कुछ हिंदू समूहों द्वारा 10 अप्रैल को महापंचायत करने की धमकी देने के बाद लिया है। इन समूहों ने मथुरा फॉरेंसिक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करने की स्थिति में महापंचायत करने की धमकी दी थी। हालात को शांत करने के लिए सरकार ने 2 अप्रैल को जीबी नगर के डीएम एनपी सिंह को बुलाया था। पिछले दो दिन में वह 500 से भी ज्यादा लोगों से मुलाकात कर महापंचायत को टालने की कोशिश कर चुके हैं।