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दलित आंदोलन के पीछे की 2019 से जुड़ी कहानी को समझिए

नई दिल्ली। आज एससी एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ भारत बंद के दौरान आज देश में भारी हंगामा हो रहा है. देशभर के 14 राज्य दलितों के भारत बंद से प्रभावित हैं. हिंसा का सबसे ज्यादा असर मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में हुआ है. मध्य प्रदेश में चार लोगों की मौत हो गई है वहीं राजस्थान के अलवर से भी एक मौत की खबर है. उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में उपद्रवियों ने दुकानों और गाड़ियों को आग लगा दी.

एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सरकार ने पुनर्विचार याचिका दायर की है तो वहीं दूसरी ओर विरोधी अभी सरकार पर हमलावर हैं. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की मानसिकता जातिवादी है, बीजेपी सरकारी शक्तियों और संसाधनों के दमपर इसे बढ़ावा दे रही है. हिंसा के पीछे हमारी पार्टी का कोई हाथ नहीं है. दलित संगठनों के साथ पूरा विपक्ष है. आंदोलन को एनडीए के दलित सांसदों का भी समर्थन प्राप्त है. माहौल ठंडा करने के लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची.

विवाद क्या है ?
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद दलित समुदाय में नाराजगी है. सुप्रीम कोर्ट ने SC/ST एक्ट के दुरुपयोग पर चिंता जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने अग्रिम जमानत की व्यवस्था दी. 7 दिनों के अंदर शुरूआती जांच पूरा करने का आदेश दिया है. दलित एक्ट के तहत गिरफ्तारी के लिए एसएसपी की अनुमति जरूरी कर दी गई. सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी के लिए उच्च अधिकारी की अनुमति जरूरी है. दलित संगठन सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हैं.

दलित जनसंख्या के आंकड़े

2011 की जनगणना के मुताबिक देश में कुल 20 करोड़ 13 लाख 78 हजार 86 दलित हैं. देश में 16.63 फीसदी दलित आबादी है. जनसंख्या के हिसाब से उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दलित आबादी है. 2011 की जनगणना के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कुल दलित आबादी 4 करोड़ 13 लाख 57 हजार 608 है. औसत के हिसाब से सबसे ज्यादा दलित पंजाब में हैं. पंजाब की कुल जनसंख्या में 31.94 फीसदी दलित हैं.

संसद में दलितों का प्रतिनिधित्व

    • लोकसभा की 543 सीटों में 84 सीट दलित समुदाय के लिए आरक्षित
    • मौजूदा संसद में दलित समुदाय के कुल 84 सांसद
    • बीजेपी में कुल 40 दलित सांसद
    • अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित उत्तर प्रदेश की सभी 17 सीटों पर बीजेपी सांसद

मोदी राज में दलित उत्पीड़न की बड़ी वारदात

17 जनवरी 2016 को हैदराबाद में दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी

    • 11 जुलाई 2016 को गुजरात के ऊना में दलित युवकों की पिटाई
    • गौ रक्षा के नाम पर ऊना में दलित युवकों पर हमला
    • मई 2017 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलितों के खिलाफ हिंसा
    • आंबेडकर जयंती और महाराणा प्रताप जयंती के दौरान हिंसा
    • 1 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में दलित समुदाय पर हमला

 आज क्या हुआ?

    • दलित संगठनों ने भारत बंद का ऐलान किया
    • बंद के दौरान कई जगह हिंसक झड़प और आगजनी
    • विपक्ष ने दलित संगठनों के बंद का समर्थन किया
    • मेरठ में एक पुलिस चौकी में आग लगाई गई
    • मेरठ के कांकरखेड़ा में कई बसों में आगजनी
    • बिहार के खगड़िया में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज
    • जयपुर में प्रदर्शनकारियों ने दुकान में तोड़फोड़ की
    • मध्यप्रदेश के ग्वालियर और मुरैना में कर्फ्यू
    • बिहार में कई जगहों पर रेल रोकी गई
    • दिल्ली से सटे गाजियाबाद में पुलिस की गाड़ी आग के हवाले

दलित आंदोलन पर सियासी बयान

    • दलितों की दुर्दशा के लिए बीजेपी-आरएसएस कसूरवार-राहुल
    • बीजेपी-आरएसएस के डीएनए में दलित विरोध-राहुल
    • दलित हित पर सरकार आंच नहीं आने देगी-रविशंकर प्रसाद
    • सुप्रीम कोर्ट ने सरकार में पुनर्विचार याचिका दाखिल की-रविशंकर प्रसाद
    • सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर लोगों में गुस्सा-रामविलास पासवान
    • सुप्रीम कोर्ट के फैसले में मोदी सरकार की भूमिका नहीं-रामविलास पासवान

क्या कहता है संविधान?
आज जो पूरे देश में हंगामा हो रहा है उसके पीछे ये दलील दी जा रही है कि दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव होता है, आपको बताते हैं कि इस मुद्दे पर संविधान क्या कहता है? संविधान किसी भी आधार पर भेदभाव की इजाजत नहीं देता है. संविधान के अनुच्छेद 17 में खास तौर से छूआछूत को खत्म किया गया है. 1989 में अनुसूचित जाति और जनजाति कानून भी बनाया गया ताकि जो भेदभाव कर रहे हैं उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सके. 2016 में कानून में संशोधन भी किया गया ताकि दलितों के खिलाफ अपराध को लेकर तेजी से कार्रवाई हो.