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त्रिशूल लेकर रामलला मंदिर तक पहुंचे साधु-संत, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्‍लंघन

अयोध्या। पूर्व सांसद व रामजन्‍मभूमि न्‍यास के अध्यक्ष रामविलास वेदांती ने सैकड़ों संतों के साथ शनिवार को रामलला के दर्शन किए। इस दौरान साधुओं ने त्रिशूल को अपने साथ ही रखा जबकि विवादित परिसर में प्रसाद के अलावा कुछ ले जाने की इजाजत नहीं है। ये आदेश सुप्रीम कोर्ट का है। इसके बावजूद आज साधुओं ने कोर्ट के आदेश का उल्‍लंघन कर रामलला के दर्शन किए।

साधुओं द्वारा विवादित परिसर में त्रिशूल ले जाना बाबरी मस्जिद के पैरोकार हाजी महबूब को नागवार गुजरा और उन्‍होंने तत्‍काल अपनी आपत्ति को दर्ज करा दिया। वहीं, सुरक्षा एजेंसियों ने शनिवार को यूपी में रेड अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि अयोध्या, काशी और मथुरा में आतंकवादी साधु-संत के भेष में किसी बड़े हादसे को अंजाम दे सकते हैं। अलर्ट मिलने के बावजूद अयोध्या प्रशासन साधु-संतों पर निगरानी नहीं रख पा रहा है।

ऐसे में साधुओं का विवादित परिसर में हथियार के साथ जाना एक गंभीर समस्‍या भी बन सकती है।  6 दिसंबर, 2018 से होगा राम मंदिर निर्माण रामलला के दर्शन करने के बाद रामविलास वेदांती ने बयान दिया है कि 6 दिसंबर, 2018 से राम मंदिर का निर्माण कार्य किया जाएगा। बीजेपी ने अपने संकल्‍प पत्र में राम मंदिर बनाने का वादा भी किया है। वेदांती ने यह भी कहा कि यदि सही समय पर निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ तो नई तारीख का एलान होगा।