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तमिलनाडु : शशिकला अपने भतीजे को बनवाना चाहती थीं मंत्री लेकिन, गवर्नर ने अड़ंगा लगाया

चेन्नई। तमिलनाडु में राजनीतिक घमासान अभी भी जारी है. जहां मुख्यमंत्री इडाप्पडी के पलानीस्वामी को आज अपना बहुमत साबित करना है वहीं अब खबर यह आ रही है कि पार्टी प्रमुख शशिकला ने अपने भतीजे दिनाकरन के लिए न केवल पार्टी में पद सुनिश्चित किया बल्कि गवर्नर के पास मंत्रिमंडल के लिए भी भेजी सूची में भी उनका नाम था. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गवर्नर को पलानीस्वामी के मंत्रिमंडल के नामों की जो सूची दी गई ती उसमें दिनाकरन भी नाम था. सूत्र बता रहे हैं कि इस मामले में गवर्नर ने कहा कि दिनाकरन के खिलाफ कई केस पेंडिंग और इसलिए वह तुरंत इसकी इजाजत नहीं दे सकते हैं. गवर्नर ने यह भी कहा कि यदि उन्हें दिनाकरन को लेना ही है तो वह सीएम पद के शपथग्रहण समारोह को टाल सकते हैं ताकि इस मामले में कानूनी सलाह ली जा सके.

लेकिन, सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल सी विद्यासागर राव के इस प्रकार के कदम के बाद शशिकला के नेतृत्व में बने इस गुट ने यह तय किया कि मंत्रिमंडल में बिना दिनाकरन के ही शपथग्रहण कार्यक्रम कर लिया जाना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि राज्य में शशिकला ने मुख्यमंत्री पद पर दावा किया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने बगावत कर दी थी. इस्तीफा देने के बाद भी वह सीएम पद पर दावा कर रहे थे और पार्टी के अधिकतर विधायक शशिकला के साथ थे. शशिकला ने विधायकों की कथित तौर पर खरीदफरोख्त को रोकने के इरादे से सभी एआईएडीएमके के विधायकों को बीच रिजॉर्ट पर भेज दिया था और बाद में धीरे धीरे कुछ विधायक और सांसद पन्नीरसेल्वम के खेमे में चले गए थे.

गौरतलब है कि शशिकला को सुप्रीम कोर्ट से चार साल कैद की सजा मिलने के बाद उनके सीएम बनने के रास्ते बंद हो गए और उन्होंने अपने खेमे के विधायक इडाप्पडी के पलानीस्वामी का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए आगे किया. उन्हें एआईएडीएमके विधायक दल का नेता चुना गया और उन्होंने गवर्नर से मिलकर विधायकों के समर्थन का दावा किया. उधर, पन्नीरसेल्वम के खेमे ज्यादा विधायक नहीं आने और पलानीस्वामी के दावे के बाद राज्यपाल ने इन्हें सीएम पद के दावेदार के रूप में चुना और पलानीस्वामी पिछले दो महीनों में तीसरे मुख्यमंत्री बने.