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‘तख्तापलट’ के बाद अखिलेश समर्थकों का एसपी दफ्तर पर कब्जा, नरेश उत्तम बने प्रदेश अध्यक्ष

लखनऊ। अखिलेश यादव ने पार्टी की कमान अपने हाथ में लेने के बाद पहला बड़ा फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद अखिलेश ने नरेश उत्तम को यूपी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया है। वहीं अखिलेश समर्थकों ने पार्टी कार्यालय पर कब्जा जमा लिया है। अखिलेश समर्थकों ने कार्यालय पहुंचकर नारेबाजी की।  कार्यालय में शिवपाल यादव की नेमप्लेट उखाड़कर फेंक दी गई है।

प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने पर नरेश उत्तम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि 2017 हमारे लिए अच्छा होगा। मैं अखिलेश जी का धन्यवाद करता हूं। मैं उनके विश्वास को बनाए रखूंगा। अखिलेश यादव अब देश के नेता हो गए हैं। हम प्रदेश में लोकतंत्र को बनाए रखेंगे।

अखिलेश के ‘तख्तापलट’ के बाद मुलायम सिंह ने भी जवाब दिया है। मुलायम सिंह ने नरेश अग्रवाल और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरनमय नंदा को पार्टी से बाहर निकाल दिया। मुलायम सिंह ने नंदा को असंवैधानिक राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होने, पार्टी-विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित किया।

इस फैसले पर नंदा ने कहा कि पार्टी के अध्यक्ष अब अखिलेश यादव हैं। बाकी की कोई वैल्यू नहीं है। शिवपाल तो अब पार्टी के कोई पदाधिकारी भी नहीं हैं। नंदा ने कहा कि कोई चिट्ठी मेरे पास नहीं आई है। पार्टी के नेता मुलायम सिंह हैं। नेताजी ये सब काम नहीं करते। ये लोग उनसे काम कराते हैं। ये सब पार्टी को बर्बाद करना चाहते हैं।

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इससे पहले सपा में जारी सियासी कलह के बीच पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव की ओर से बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पार्टी महासचिव रामगोपाल ने रखा। उन्होंने अधिवेशन में मौजूद लोगों से हाथ उठाकर इसका समर्थन जताने को कहा, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया।

राष्ट्रीय अधिवेशन में तीन और प्रस्ताव भी लाए गए, जिनमें से एक मुलायम को सपा का ‘मार्गदर्शक’ बनाने का प्रस्ताव था। एक अन्य प्रस्ताव में शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की बात कही गई, जबकि एक अन्य प्रस्ताव में अमर सिंह को सपा से बर्खास्त करने की बात कही गई। अधिवेशन में मौजूद प्रतिनिधियों ने उत्साह के साथ इन प्रस्तावों का समर्थन किया और हाथ उठाकर समर्थन जताया। इसी के साथ शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया गया और अमर सिंह को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सभी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जो प्रस्ताव हुए वह उन लोगों के खिलाफ हैं जिन्हें पार्टी के खिलाफ काम किया है। उन्होंने कहा हमारे लिए नेताजी का स्थान सबसे ऊंचा और महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर नेताजी के खिलाफ कोई साजिश हो तो उनका बेटा होने के नाते मेरा फर्ज है कि मैं साजिश को सामने लाऊं। अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी का जहां नुकसान होगा वहां कार्रवाई करना पड़ेगा। अखिलेश यादव ने कहा कि पार्टी में ऐसे लोग हैं जो सरकार बनाना नहीं चाहते हैं, लेकिन सरकार बनेगी तो नेताजी को सबसे ज्यादा खुशी होगी। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि पार्टी की सरकार एक बार फिर बने। उन्होंने कहा कि 3-4 महीने सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में यह सब पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने पार्टी विधायकों और कार्यकर्ताओं का धन्यवाद दिया कि पार्टी का मनोबल अभी तक कम नहीं हुआ है।

इससे पहले सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव  ने इस अधिवेशन को असंवैधानिक करार दिया  और कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उनके पास ये अधिकार हैं। उन्होंने कहा है कि जो भी इस अधिवेशन में शामिल हो वो उसके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। मुलायम ने चिट्ठी जारी कर ये बातें कही हैं।

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Mulayam Singh Yadav writes letter to party workers, asks them not to attend National Executive meet called by Ramgopal Yadav

बता दें आज सुबह ही समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मिलने उनके घर पहुंचे। सूत्रों के मुताबिक यहां पर शिवपाल ने मुलायम से अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि अगर यूपी अध्यक्ष पद से उनका इस्तीफा लेने के बाद झगड़ा खत्म हो तो उनका इस्तीफा ले लिया जाए। इसके अलावा खबर है कि मुलायम आज संसदीय कमेटी की बैठक बुला सकते हैं।