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डोकलाम मुद्दे पर भारत से तनाव के बीच चीन की सेना ने लिया एक बड़ा फैसला

नई दिल्ली। डोकलाम मुद्दे पर भारत को लगातार धमकी दे रहे चीन की सेना ने एक बड़ा फैसला किया है. उसके इस कदम को भी एक धमकी भरे संदेश के तौर पर ही लिया जा रहा है.   चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) अपनी 90वीं वर्षगांठ के मौके पर अगले सप्ताह सैन्य परेड की बजाय सैन्य अभ्यास का आयोजन करेगी. अभी तक चीन की सेना इस कार्यक्रम में सैन्य परेड ही करती थी लेकिन इस बार उसका यह फैसला भारत के साथ तनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. हांगकांग आधारित ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ के अनुसार राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एक अगस्त को पीएलए की 90वीं वर्षगांठ के मौके पर सैन्य परेड की बजाय सैन्य अभ्यास आयोजित करने का आदेश दिया है. अखबार ने कहा कि शी इस अभ्यास में शामिल होंगे.

एशिया के सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण अड्डे पर होगा अभ्यास
अधिकारियों ने कहा कि वह एशिया के सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण अड्डे पर चीन के सबसे बड़े युद्ध अभ्यास में विशिष्ठ अतिथि होंगे. सेना से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘एक अगस्त को बीजिंग में थ्येन आन मन चौक पर सैन्य परेड का आयोजन नहीं होगा, बिल्क झूरिहे में व्यापक पैमाने पर सैन्य अभ्यास होगा.’ उन्होंने कहा कि चीन के युद्धक विमान जे-20 का एक स्क्वार्डन इस अभ्याय में शामिल हो सकता है. यह विमान इसी साल मार्च में पीएलए की वायुसेना का हिस्सा बना था.

सोमवार को दी थी चेतावनी
डोकलाम विवाद को लेकर चीनी सेना ने भारत को चेतावनी दी है. चीन ने कहा है कि भारत को किसी तरह की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए. अपने इलाके की सुरक्षा के चीन के इरादे को कोई हिला नहीं सकता. एक पहाड़ को हिलाना आसान है, चीन की सेना को नहीं. अपने इलाके की सुरक्षा के चीन के पक्के इरादे को कोई हिला नहीं सकता.  चीनी रक्षामंत्रालय के प्रवक्ता वू कीआन ने कहा कि मैं भारतीय पक्ष को ये साफ़ कर देना चाहता हूं कि वह किसी तरह के मुग़ालते में न रहें. चीनी लिब्रेशन आर्मी ने अपने 90 साल के इतिहास में अपनी क्षमता और देश को सुरक्षित रखने की अपनी ताक़त को लगातार बढ़ाया है. हमारी दृढ़ता और इच्छाशक्ति अडिग है. एक पहाड़ को हिलाना आसान है, लेकिन हमें नहीं.