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डोकलाम: भूटान अकेला नहीं, कई छोटे देशों के साथ मनमानी करता रहा है चीन

नई दिल्ली। सिक्किम बॉर्डर पर डोकलाम को लेकर चीन की मनमानी और अड़ियल रवैया दुनिया के सामने है। भारत के दखल से चीन को इस बार मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है, लेकिन चीन की फितरत हमेशा से छोटे पड़ोसी देशों पर दबाव बनाकर, उनसे अपनी बात मनवाने की रही है। सीमा विवाद से जुड़े मामलों में पिछले कुछ दशकों से चीन यही करता आया है।

मध्य एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और पूर्व एशिया के कई देशों को चीन ने इस बात के लिए मजबूर किया है कि या तो वे चीन के सीमा संबंधी दावे को स्वीकार करें या फिर ज्यादा ब्याज पर लोन लेने लिए तैयार रहें। तजाकिस्तान, किर्गिस्तान, वियतनाम, लाओस, कम्बोडिया, ताइवान और जापान तक चीन के इस दबाव का शिकार हुए हैं। कोई देश अगर ब्याज ज्यादा होने की वजह से लोन नहीं चुका पाता है तो चीन उस प्रॉजेक्ट और जमीन का अधिग्रहण कर लेता है।

चीन में काम कर चुके एक सरकारी अधिकारी डीएस राजन ने कहा, ‘मौजूदा सीमा विवाद को समझने के लिए चीन की आधुनिक सीमाओं की तुलना, उन इलाकों से करनी होगी जो चीन को इतिहास में हुए नुकसान से पहले उसके पास मौजूद थे।’ पड़ोसी देशों के साथ जमीनी और समुद्री सीमा विवादों की वजह से चीन के कई देशों के संबंध खराब हुए हैं और इसका क्षेत्रीय राजनीति पर भी बुरा असर पड़ा है।

चीन 13 देशों के साथ 22,000 किलोमीटर का बॉर्डर शेयर करता है। इनमें नॉर्थ कोरिया, रूस, मंगोलिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, लाओस और वियतनाम शामिल हैं। पाकिस्तान के साथ भी चीन की सीमा है, पर वह पाक अधिकृत कश्मीर के जरिए है। पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद के ज्यादातर मामलों में चीन का दावा सदियों पुराने अप्रमाणित इतिहास पर आधारित होता है। भूटान के साथ ताजा मामला भी कुछ ऐसा ही है। डोकलाम को लेकर चीन ने अभी हाल ही में ‘अपने इतिहास’ का हवाला देते हुए कहा था कि डोकलाम इलाके का इस्तेमाल तिब्बत के लोग पारंपरिक चारागाह के रूप करते रहे हैं।

भूटान और भारत के साथ चीन का सीमा विवाद भले अभी न सुलझ पाया हो, लेकिन कई अन्य देशों के साथ विवाद में फैसला चीन के पक्ष में ही गया है। राजन के मुताबिक, समुद्री सीमा से जुड़े अनसुलझे विवाद चीन के लिए सबसे ज्यादा गंभीर हैं, क्योंकि समुद्री सीमा पर स्थित कई देशों से चीन को चुनौती मिल रही है। आठ दक्षिण-पूर्वी देशों जापान, दक्षिण कोरिया, फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया और ताइवान ने चीन के खिलाफ हाथ मिलाया है।

बता दें कि चीन की समुद्री सीमा चार देशों के साथ है। ईस्ट चाइना सी में जापान और साउथ कोरिया के साथ, जबकि साउथ चाइना सी में फिलीपीन्स और वियतनाम के साथ। साउथ चाइना सी दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक है और यहां संभावित तेल और गैस क्षेत्र का विशाल भंडार है, जिसका दोहन किया जा सकता है। चीन ऐतिहासिक तथ्यों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर इस पूरे क्षेत्र पर अपना दावा करता है और इन्हें अपने नक्शे में नौ बिंदुओं की काल्पनिक रेखा के आधार पर दर्शाता भी है। हालांकि, आठों दक्षिण-पूर्वी देशों ने चीन के दावे को चुनौती दी है।