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डॉनल्ड ट्रंप ने शपथ के बाद दिया अमेरिका फर्स्ट का नारा, दुनिया से आतंकवाद खत्म करने का आह्वान

वॉशिंगटन। डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति के पद की शपथ लेते हुए दुनिया से इस्लामिक आतंकवाद को खत्म करने का आह्वान किया। शपथ के बाद दिए भाषण में ट्रंप ने चुनाव प्रचार के अंदाज में भाषण देते हुए इस्लामिक आतंकवाद का सफाया करने, अमेरिकियों की नौकरियां वापस दिलाने और सीमाओं को सुरक्षित करने जैसे वादे दोहराए। उनके इस भाषण से माना जा रहा है कि आने वाले समय में वीजा नियमों को लेकर वह सख्त नीतियां अपना सकते हैं। डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों के सपने, नौकरियां और समृद्धि लौटाने का वादा किया।

इस्लामिक आतंकवाद पर तीखा हमला बोलते हुए ट्रंप ने कहा, ‘पुराने गठबंधन को हम मजबूत करेंगे, नए संगठन तैयार करेंगे और दुनिया की ताकतों को रैडिकल इस्लामिक टेरर के खिलाफ जंग के लिए एक करेंगे। हम इस धरती से आतंकवाद का सफाया कर देंगे।’ डॉनल्ड ट्रंप ने अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है, वह बराक ओबामा की जगह लेंगे।

ओबामा की ओर से ‘रैडिकल इस्लाम’ टर्म का इस्तेमाल न किए जाने को लेकर ट्रंप उन पर हमला बोलते रहे हैं। वह लगातार कहते रहे हैं कि आतंकवाद के खिलाफ जंग में इस तरह की भाषा से बड़ा असर पड़ता है। नवंबर में हुए चुनावों में कड़ी प्रतिद्वंद्वी हिलरी क्लिंटन को परास्त करने वाले डॉनल्ड ट्रंप के शपथ समारोह में करीब 8 लाख लोग मौजूद थे। 70 वर्षीय डॉनल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन के नैशनल मॉल में आयोजित कार्यक्रम में शपथ ली।

अमेरिका फर्स्ट का दिया नारा
अमेरिका फर्स्ट का नारा देते हुए ट्रंप ने कहा कि हम दुनिया के सभी देशों से सहयोग मांगते हैं। लेकिन यह साफ करना चाहेंगे कि सभी के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए किसी भी देश का अधिकार है कि वह अपने हितों को प्राथमिकता में रखे। करीब 16 मिनट लंबे अपने भाषण में ट्रंप ने कहा, ‘हम अपनी जीवनशैली को किसी के ऊपर थोपने नहीं जा रहे, लेकिन एक उदाहरण जरूर स्थापित करना चाहते हैं। हमें चमकना होगा ताकि सब फॉलो कर सकें।’

हमने अपनी कीमत पर किया दूसरों के उद्योगों का विकास
अपने इलेक्शन कैंपेन की मुख्य थीम को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा कि हम कई दशकों से अपनी इंडस्ट्री की कीमत पर दूसरे देशों के उद्योगों का विकास करते रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम दूसरे देशों की सेनाओं को सब्सिडी देते रहे हैं, जबकि हमारी सेना परेशानी में है। हम अपनी सीमा की सुरक्षा के बदले दूसरे देशों की सीमाओं की रक्षा करते रहे हैं। दूसरे देशों में हमने खरबों डॉलर खर्च किए हैं, जबकि अमेरिका का इन्फ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो रहा है।’