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डरा पाक अब भारत आने को भी है तैयार

25pakइस्लामाबाद। उड़ी टेरर अटैक के बाद पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भारत सरकार की कोशिशों के प्रभाव को कम करने के लक्ष्य के साथ अफगानिस्तान को लेकर भारत में होने वाली एक प्रमुख रीजनल कॉन्फ्रेंस में वह शामिल हो सकता है। पंजाब के अमृतसर में दिसंबर के पहले हफ्ते में ‘द हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल’ मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन होना है। पाकिस्तान में नवंबर में होने वाले सार्क सम्मेलन का भारत की तरफ से बहिष्कार किए जाने और दोनों देशों के बीच के मौजूदा तनाव को देखते हुए पाकिस्तान की भागीदारी को लेकर संशय की स्थिति थी।

पाकिस्तान की ओर से जारी सीमा पार आतंकवाद का हवाला देते हुए भारत ने घोषणा की थी कि ‘मौजूदा परिस्थितियों’ में वह इस्लामाबाद में होने वाले सार्क सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले पाएगा।

‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के मुताबिक इस बारे में जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया कि हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल सम्मेलन से दूर रहकर पाकिस्तान का भारत की राह पर चलने का इरादा नहीं है। एक सीनियर गवर्नमेंट ऑफिसर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, ‘संबंधित पक्षों का विचार है कि पाकिस्तान को हार्ट ऑफ एशिया-इस्तांबुल सम्मेलन में हिस्सा लेना चाहिए।’
अधिकारी ने बताया कि सम्मेलन के अफगानिस्तान से जुड़े होने के कारण इसके बहिष्कार का सवाल ही नहीं पैदा होता। उन्होंने बताया, ‘हम लोगों ने बार-बार कहा है कि पाकिस्तान हर उस पहल का समर्थन करता है, जिसका सरोकार अफगानिस्तान की शांति और स्थिरता से है। हालांकि, अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पाकिस्तान इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज को या किसी कनिष्ठ अधिकारी को भेजेगा। रूस, चीन, तुर्की समेत 14 देशों के विदेश मंत्रियों के इस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने की उम्मीद है, जिसमें अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, अमेरिका समेत 17 समर्थन करने वाले देशों के वरिष्ठ अधिकारी भी इसमें शामिल होंगे।