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ठाणे हत्याकांड: बहन सुबिया ने माना, आक्रामक हो जाता था हसनैन

suicide2mमुंबई। परिवार के आठ बच्चों समेत 14 लोगों की हत्या करने वाला हसनैन वरेकर बाहर से बहुत शांत दिखने वाला व्यक्ति था, लेकिन कभी-कभी बहुत आक्रामक बर्ताव भी करता था। हत्याकांड की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है। गौरतलब है कि शनिवार को ठाणे के कासारवडवली स्थित अपने घर में हसनैन ने परिवार के 14 लोगों की हत्या कर दी थी।

मिली जानकारी के मुताबिक हसनैन ने तीन महीने पहले नौकरी छोड़ दी थी। परिवार के किसी सदस्य को नहीं पता था कि वह कहां काम करता था। इस घटना में एकमात्र जिंदा बचीं सुबिया भरमल ने पुलिस को बताया कि उसके भाई का बर्ताव गुस्से वाला था। उसने बताया कि उसे भी हसनैन की नौकरी बारे में कुछ नहीं पता। उसने (हसनैन) सिर्फ इतना बताया था कि वह नवी मुंबई में काम करता है।

सुबिया ने पुलिस से कहा कि परिवार हसनैन के इस व्यवहार को नजरअंदाज करता था। परिवार के अलावा किसी और को इसका अंदाजा नहीं हुआ क्योंकि उसका कोई दोस्त नहीं था। सुबिया ने बताया कि कुछ दिन पहले हसनैन ने पूरे परिवार को मारने की धमकी दी थी, लेकिन उसे भी नजरअंदाज किया गया। घटना की जांच कर रहे अधिकारियों को पड़ोसियों, रिश्तेदारों और हसनैन के पूर्व सहयोगियों से बात करने पर पता चला है कि वह हर उस व्यक्ति को अपने साथ ले जाना चाहता था जिसे वह प्यार करता था। शनिवार रात को पूरे परिवार ने साथ खाना खाया, लेकिन हसनैन ने इसमें अपने बहनों के पतियों को नहीं बुलाया था। उन्हें अगले दिन दोपहर के खाने पर बुलाया गया था। शनिवार रात केवल वही लोग मौजूद थे जिनकी हसनैन परवाह करता था।

परिवार का इकलौता बेटा होने के चलते हसनैन को बचपन में बहुत प्यार मिला। उसके परिजन उसका इतना खयाल रखते थे कि उसे पड़ोस के दूसरे बच्चों के साथ साइकल नहीं चलाने देते थे। परिवार का एक बड़ा सदस्य हमेशा उसके साथ रहता था। वह ठाणे के रबोली इलाके के आइडियल स्कूल में पढ़ा। स्कूल से संबंधित कोई भी व्यक्ति सामने आकर बात करने को राजी नहीं हुआ। लेकिन टीचर्स ने बताया कि हसनैन बहुत शांत और अकेला रहता था। उसका ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर होता था। खेल के प्रति उसकी उदासीनता कॉलेज के समय भी रही और वहां भी उसने किसी को दोस्त नहीं बनाया। पढ़ाई के अलावा उसकी रुचि सिर्फ पांच वक्त की नमाज में थी जो उसे उसके पिता ने सिखाई। उसके पिता एक मस्जिद के ट्रस्टी थे और उसने वहां काफी समय बिताया। पांच साल पहले उसकी शादी जबीन से हुई थी। उनकी दो बेटियां थीं।

पड़ोसियों ने बताया कि हसनैन और उसके पिता किसी दरगाह में एक बाबा से मिलने जाते थे। हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है। पड़ोसियों के मुताबिक हसनैन आधुनिक दवाइयों में कम भरोसा रखता था। वह अभिमंत्रित जल पीता था और बच्चों को उनकी बीमारी के वक्त अजीब चीजें खिलाता था। दो साल पहले हसनैन ने पहली बार पूरे परिवार को मारने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस इस पर कोई दावा नहीं कर रही है, क्योंकि लोगों के मुताबिक परिवार ने उस घटना पर पर्दा डाल दिया था।

पुलिस का पूरा ध्यान इस बात पर है कि पिछले तीन महीनों में हसनैन क्या-क्या करता रहा। उसकी आखिरी नौकरी नवी मुंबई की अटलांटिक कोऑपरेशन में लगी थी। तीन महीने पहले उसने वहां से काम छोड़ दिया था। उसने घरवालों को बताया कि वह एक चार्टर्ड अकाउंटेंसी फर्म जॉइन कर रहा है। किसी को इस फर्म के बारे में नहीं पता। पुलिस का मानना है कि इन्हीं तीन महीनों में इस हत्याकांड की वजह छुपी है। कई रिपोर्टों के मुताबिक इस दौरान हसनैन ने काफी समय बाबा के साथ बिताया। पुलिस अभी तक इस बाबा तक नहीं पहुंच सकी है।