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झांसी को है गतिशील विकास की जरूरत

झांसी। बुंदेलखंड का हृदय स्थल मानी जाने वाली 223 झांसी विधानसभा के लिए चारों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों ने पूरी ताकत झोंक दी है। हर प्रत्याशी झांसी के विकास के दावे कर रहा है। ऐसा लगता है कि 10 मार्च के बाद एक नयी झांसी की इबारत लिखी जाएगी। सत्तारूढ़ दल भाजपा के प्रत्याशी रवि शर्मा जो दो बार यहां से विधायक रह चुके हैं, वे भी झांसी को नये ढंग से चमकाने के वायदे कर रहे हैं।
यहां बता दें कि झांसी का स्मार्ट सिटी के रुप में चयन किया गया है। यहां मेट्रो रेल सहित सुनियोजित विकास और साफ सफाई के सपने संजोए गये हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि झांसी में आज भी अनेक ऐसे कार्य है और परियोजनाएं हैं जिन पर दिल से‌ काम किया जाए तो यह देश का दिल होने के साथ आदर्श शहरों में शुमार हो सकती है। लेकिन अफसोस इन प्रोजेक्ट्स के साथ मजाक हो रहा है। उदाहरण के लिए सीपरी ओवरब्रिज को ही लीजिए। 6 साल से बन रहा यह फ्लाईओवर झांसी की नितांत आवश्यकता थी लेकिन कछुआ गति से चले काम और रेलवे, जिला प्रशासन में समन्वय की कमी ने इसका बजट ही नहीं बढ़ाया, नागरिकों की समस्याएं भी बढ़ाई। अगर विधानसभा चुनाव आसन्न न होते तो शायद यह आज भी चालू न होता। ऐसे ही लक्ष्मी तालाब, आंतिया ताल, पानी वाली धर्मशाला, नारायण बाग, आदि प्रोजेक्ट्स हैं जो झांसी की रंगत, पर्यटन और शाम को शहरियों को सुकून देने वाली जगहें बन सकतीं थीं, प्रशासन, नगरनिगम और राजनेताओं के लिए दुधारू गाय बने हैं। एक एक प्रोजेक्ट्स पर करोड़ों रुपये लग चुके हैं लेकिन प्रोजेक्ट पूरा होने का नाम नहीं ले रहे। बरसों बीत गये