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जेडीयूः राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पटना में पोस्टर वॉर

पटना। जेडीयू के नीतीश कुमार खेमे की ओर से पटना में हो रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर विरोधी शरद यादव खेमे ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। शनिवार दोपहर सीएम नीतीश के आवास पर बैठक शुरू होने से कुछ देर बाद ही मौके पर शरद यादव के कुछ समर्थक पहुंच गए। समर्थकों ने वहां जमकर नारेबाजी की। हालांकि, पुलिस ने उन्हें जल्द ही काबू में करके वहां से हटा दिया। पटना में नीतीश और शरद यादव खेमे में पोस्टर वॉर भी जारी है। नीतीश के पोस्टरों के जवाब में शरद के समर्थकों ने भी पोस्टर्स लगवाए हैं। इनमें लिखा है, ‘जन अदालत का फैसला, महागठबंधन जारी है।’

 

शरद को आखिरी मौका!
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को ही शरद खेमा भी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियन हॉल में महागठबंधन के समर्थन में एक मीटिंग करने वाला है। हालांकि, जेडीयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा है कि इस मीटिंग का पार्टी से कोई संबंध नहीं है। शनिवार को बैठक के पहले त्यागी ने कहा कि पार्टी में कोई विवाद नहीं है। उन्होने कहा, ‘हमने शरद यादव के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए आमंत्रित किया है और उनसे कहा है कि हमें सभी विवादो को आपस में सुलझा लेना चाहिए। शरद यादव को लालू के कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए।’ इस घमासान के बाद पार्टी में टूट होना तय माना जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि कार्रवाई होने के बाद शरद खेमा खुद को असली जेडीयू के तौर पर पेश कर सकता है, जिसके बाद पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर भी घमासान छिड़ने के आसार हैं।

 

बिहार में जेडीयू के महागठबंधन छोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद पार्टी में छिड़े घमासान के बाद शनिवार को शरद यादव पर कार्रवाई की जा सकती है। पटना में नीतीश कुमार के आवास पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बागी रुख अपनाए शरद यादव की छुट्टी हो सकती है। साथ ही यह भी लगभग तय माना जा रहा है कि शरद खेमे के नेताओं पर भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक के बाद जेडीयू आधिकारिक तौर पर एनडीए में शामिल होने की घोषणा कर सकती है। इस घोषणा के बाद पार्टी का केंद्र सरकार में शामिल होने का रास्ता साफ हो जाएगा। एनडीए में शामिल होते ही मंत्रिमंडल विस्तार में पार्टी को 2 मंत्रिपद मिलने की उम्मीद है। हाल ही में नीतीश के बीजेपी के साथ सरकार बनाने के फैसले का विरोध करने पर शरद यादव को राज्यसभा में जेडीयू के नेता के पद से हटा दिया गया था। राज्यसभा सांसद अली अनवर को भी विपक्ष की मीटिंग में शामिल होने के कारण पार्टी के संसदीय दल से हटा दिया गया था।