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जाट आरक्षण: हिंसा रोकने के लिए सेना को मिली खुली छूट

army jनई दिल्ली। आरक्षण की मांग को लेकर जाट समुदाय के भयंकर उत्पात पर लगाम कसने के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना को हिंसा कर रहे लोगों से निपटने की खुली छूट दे दी है। समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को हरियाणा के ताजा हालात के बारे में जानकारी दी। इसके बाद ही रक्षा मंत्री ने सेना को उत्पातियों से निपटने की खुली छूट दी है।

उधर, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर आरक्षण की मांग को लेकर हिंसा कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। राजनाथ ने कहा, ‘मैंने कल जाट समुदाय के नेताओं से मुलाकात की थी। आज भी शाम को कुछ लोगों से मिलूंगा। मुझे उम्मीद है कि समस्या का कोई समाधान जरूर निकलेगा।’

बता दें कि जाट आरक्षण को लेकर एक हफ्ते से चल रहे आंदोलन में तमाम कोशिशों के बाद भी हालात बेहद हिंसक और संवेदनशील बने हुए हैं। हरियाणा के कई हिस्सों में कर्फ्यू लगा हुआ है और राज्य भर में हो रही हिंसा में अब तक 10 लोग मारे जा चुके हैं। जाट आंदोलन के कारण 800 से भी ज्यादा ट्रेनों की सेवा पर असर पड़ा है।

रविवार को भीड़ ने गन्नोर रेलवे रेलवे स्टेशन को भी फूंक दिया है। इससे पहले रविवार सुबह ही उपद्रवियों ने बसाई रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर आग लगा दी। भीड़ अब तक 9 रेलवे स्टेशनों को आग जला चुकी है। उधर फरीदाबाद के होडल बंचारी में भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया है। प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों के मोबाइल छीन लिए। मीडियाकर्मियों को भी फोटो खींचने से रोका गया।

राज्य के डीजीपी वाई.पी. सिंघल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता से शांति की अपील की है। उन्होंने लोगों से सड़क और रेल पटरियों से हटने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि झज्जर और रोहतक में बड़ी संख्या में सेना मौजूद है। सिंघल ने कहा कि पुलिस ने अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या डीजीपी ने 10 बताई।

दिल्ली में बने जल संकट के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि राजधानी के लिए पानी की आपूर्ति को बहाल करना अभी प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

सेना की भारी तैनाती के बाद भी हिंसा की लहर दूर-दराज के इलाकों से लेकर गुड़गांव तक फैल गई है। राज्य के अलग-अलग अस्पतालों में 80 से भी ज्यादा हिंसा से घायल लोगों को भर्ती कराया गया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदर्शनकारियों से अपील की है कि वे एक समिति बनाकर सरकार के साथ बातचीत के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा, ‘भीड़ के साथ किसी तरह की बातचीत नहीं हो सकती है।’ प्रदर्शनकारियों से अपना आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए सीएम ने कहा कि ‘लोग अपने घरों को लौट जाएं। सरकार ने उनकी मांगों को स्वीकार कर लिया है।’ हालांकि उन्होंने मांग मान लिए जाने के बारे में दिए गए बयान का कोई ब्योरा नहीं दिया।

ज्यादातर जाट नेताओं ने यह आंदोलन तब तक खत्म नहीं करने की बात कही है, जब तक सरकार जाट समुदाय को आबीसी वर्ग में शामिल नहीं कर लेती।